इंदौर। विधानसभा चुनाव साल 2023 में होने को हैं और अक्सर चर्चाओं में रहने वाली महू तहसील की राजनीति इस बार अब तक शांत रही है हालांकि आने वाले दिनों में यह स्थिति बदल सकती है। भारतीय जनता पार्टी के ख़ेमे में माहौल जहां लगातार शांत बना हुआ है तो वहीं कांग्रेस इस पर्दे के पीछे काम कर रही है। कांग्रेसी तहसील में पार्टी के घर चलो-घर-घर चलो अभियान के तहत गांव-गांव जा रहे हैं। कांग्रेसी अपनी 15 महीने की सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस ने अब तक महू तहसील के कई गांवों में जनसंपर्क कर रही है।
यह अभियान विधानसभा से तीन बार विधायक रहे अंतरसिंह दरबार के नेतृत्व में चल रहा है। दरबार की जमीनी पकड़ बेहद मजबूत मानी जाती है। वे लगातार गांवों का दौरा कर रहे हैं। इस अभियान के तहत कांग्रेसी अपनी तेरह महीने की सरकार की उपलब्धियों को गिना रहे हैं। कांग्रेसी अपने इस अभियान में काफी हद तक कामयाब होते भी नजर आ रहे हैं। वे जो उपलब्धियां बता रहे हैं। इनमें सबसे अहम किसान कर्ज माफी, सस्ती बिजली, ओबीसी आरक्षण, महंगाई आदि मुद्दों पर वे आम लोगों से बात कर रहे हैं। इन मुद्दों पर उन्हें जनता का अच्छा सर्मथन भी मिल रहा है। सीधे शब्दों में कांग्रेसी यहां अपन तेरह महीने की सरकार से भाजपा की इस ढ़ाई साल की सरकार से तुलना कर रहे हैं।
कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता जनता से मिल रहे इस सर्मथन से उत्साहित भी नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों मानपुर ब्लॉक के गांव मेण और आसपास के कई इलाकों में घर-घर चलो अभियान के तहत पहुंचे। इस दौरान कांग्रेसी बड़ी संख्या में वाहनों का काफिला लेकर चले और जनता को कमलनाथ सरकार के लाभ बताते रहे। इस दौरान मानपुर क्षेत्र के नेता रामेश्वर पटेल और बैकुंठ पटेल बड़ी भीड़ जुटाने में कामयाब दिखाई दिये। उनके साथ बड़ी संख्या में आदिवासी क्षेत्रों से आए युवा मौजूद थे।
पार्टी के जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव भी यहां मौजूद रहे। उन्होंने कांग्रेसी युवाओं को अपनी पार्टी की उपलब्धियां खुलकर जनता के सामने रखने की नसीहत दी। यादव के मुताबिक जनता के लिए कमलनाथ सरकार और मौजूदा सरकार में फर्क का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है क्योंकि इस बार यह अंतर बहुत बड़ा है।
काफी समय बाद विधानसभा के किसी राजनीतिक कार्यक्रम में इस तरह की भीड़ देखने को मिली थी। ऐसे में क्षेत्र में कांग्रेस की सक्रियता साफ नजर आ रही थी। कांग्रेस की यह सक्रियता इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि आम तौर पर क्षेत्र में मज़बूत समझी जाने वाली भारतीय जनता पार्टी पिछले काफी समय से शांत है।
भाजपा की सक्रियता कम…
महू नगर में पार्टी नेताओं में गुटबाज़ी और मनमुटाव की खबरें आती रहीं हैं और कई बार स्थानीय विधायक उषा ठाकुर के सामने भी खुलकर नेताओं ने इसका प्रदर्शन किया है। करीब एक लाख की आबादी वाले महू शहर में नेताओं के बीच आपसी कड़वाहट बताई जाती है। यहां नगर भाजपा भी काफी हद तक उदासीन ही नजर आती है। पिछली कार्यकारिणियों की तुलना में इस बार महू नगर भाजपा ज्यादातर बार शांत ही रही है। यहां पार्टी के कार्यक्रमों में भी पहले के मुकाबले बेहद कम भीड़ हो रही है।
मंत्री उषा ठाकुर भी अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं में सामंजस्य बनाने में अब तक कामयाब नहीं दिखाई दे रही हैं। कुछ ऐसा ही हाल ग्रामीण क्षेत्रों में भी है जहां खुद मंत्री ठाकुर को लेकर भी असंतोष है। कुछ महीने पहले जनपद पंचायत में भी यह विरोध देखने को मिला था। जब जनपद सीईओ के खिलाफ़ भाजपा के कई नेता लामबंद हो गए थे लेकिन मंत्री उषा ठाकुर ने उस समय नेताओं को समझाबुझा कर यह विरोध दबा दिया था हालांकि भाजपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो पार्टी के भीतर नेताओं और कार्यकर्ताओं में अब भी काफी नेता नाराज़ हैं।