भोपाल। महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी पिछले दिनों घोषित हुई और इसके साथ ही विवाद शुरु हो गए। इस विवाद को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग कर दिया और प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल को भी उनके पद से हटा दिया है।
यह कार्यकारिणी पिछले महीने ही घोषित की गई थी। जिससे कई नेता और कार्यकर्ता अंसुतष्ट बताए जा रहे थे। इसी अंसतोष के चलते ग्वालियर की महिला कांग्रेस अध्यक्ष रुचि गुप्ता और इंदौर की सोनिया शुक्ला ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया था।
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव व मध्यप्रदेश प्रभारी ओनिका महरोत्रा ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया है। महरोत्रा ने अपने आदेश में लिखा कि 30 जनवरी 2022 को गठित की गई महिला कांग्रेस की पूरी कार्यकारिणी को भंग किया जाता है। हालांकि आदेश में यह भी कहा गया है कि महिला कांग्रेस की चार उपाध्यक्ष को छोड़कर पूरी कार्यकारिणी भंग की जाती है। इनमें रश्मि भारद्वाज, कविता पांडे, जमना मरावी और नूरी खान भी शामिल हैं।
प्रियंका गांधी को भेजे पत्र में उन्होंने आरोप लगाया गया था कि अब पार्टी में जमीनी स्तर पर कार्य करने वालों की इज्जत नहीं होती और अचानक कुछ नेताओं की सिफारिश लगाकर ऊपर से थोपे गए लोग अपनी ही चलाने में लगे रहते हैं। इससे जमीनी कार्यकर्ताओं का हौसला कमजोर पड़ रहा है।
राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस अपनी तैयारी शुरु कर चुकी है। बीते डेढ़-दो वर्षों में कांग्रेस ने इसे लेकर अपनी रणनीति मजबूत की है। इस दौरान कई संगठनात्मक परिवर्तन भी किये गए और इनमें मतभेद भी सामने आए हैं। महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी का विवाद भी पार्टी की भीतरी गुटबाजी से अलग नहीं रहा।
ऐसे में प्रदेश कार्यकारिणी को भंग करने से विवाद तो फिलहाल के लिए थम गया लेकिन इससे कांग्रेसी खींचतान खुलकर सामने भी आ रही है। इसे लेकर भाजपाई भी कांग्रेस के अनुशासन पर तंज़ कर रहे हैं।