इंदौर। देश में बैंकिंग सेक्टर में सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। मामला गुजरात का है जहां 28 बैंकों के साथ धोखाधड़ी की गई है। यहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की शिकायत पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में जहाज की मरम्मत और निर्माण करने वाली कंपनी ABG शिपयार्ड दोषी बताई जा रही है।
इस घोटाले की अवधी साल 2012 से 2017 तक की बताई जा रही है। इस दौरान कंपनी के तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित 8 लोगों के खिलाफ बैंकों से 22,842 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप है।
एफआईआर के मुताबिक एबीजी शिपयार्ड ने ICICI बैंक, IDBI बैंक, SBI, बैंक ऑफ बड़ोदा, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम को हजारों करोड़ रुपये की चपत लगाई है। कंपनी ने 28 बैंकों से लोन लेकर कंपनी ने अपनी सहयोगी कंपनियों की मदद से विदेशों में काफी निवेश किया और प्रापर्टी खरीदी।
इस मामले में तीन साल पहले 8 नवंबर 2019 को पहली शिकायत एसबीआई के द्वारा ही हुई थी। इसके बाद सीबीआई ने जांच शुरु की। इसके बाद एक और शिकायत हुई और अब सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है।
SBI के DGM ने इस मामले की शिकायत की है। इसके मुताबिक कंपनी के पास ICICI बैंक के 7089 करोड़ रुपए, IDBI बैंक के 3634 करोड़ रुपए, SBI को 2468 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा के 1614 करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक के 1244 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक के 1228 करोड़ रुपए और LIC को 136 करोड़ रुपए का नुकसान शामिल है।
कंपनी को एसबीआई के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपए के लोन की मंजूरी दी थी। ऑडिट से जानकारी मिली कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें पैसे का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है।
इन आरोपों में सीबीआई ने ऋषि कमलेशअग्रवाल के साथ तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी और निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया है। इन पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया है।