रायपुर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छत्तीसगढ़ में हवाई यात्रा सुविधाओं के विस्तार में देरी का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ते हुए आरोप लगाया है कि राज्य सरकार हवाई सेवा के विस्तार के लिए जमीन नहीं दे रही है।
छत्तीसगढ़ भाजपा के कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में शनिवार को पत्रकारों से बात कर रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि बिलासपुर में जो जमीन आवंटित थी, उसे रद्द कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं बनाने के लिए हमें रनवे और दूसरी सुविधाओं को बढ़ाना था। रायपुर में हमने रनवे बढ़ा लिया, लेकिन उससे लगी सुविधाएं नहीं बढ़ पा रही हैं। वहां 24 एकड़ जमीन चाहिए, लेकिन राज्य सरकार उसको हैंडओवर नहीं कर रही है। वह जमीन हमें नहीं मिली।
सिंधिया ने कहा कि बिलासपुर में तो हवाई अड्डे के लिए आवंटित जमीन को कैंसिल कर दिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस संबंध में कई बार चर्चा करनी चाही, लेकिन पता नहीं क्यों उनकी रुचि नागर विमानन में नहीं है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि रायपुर हवाई अड्डे पर कार्गो सुविधा को बढ़ाने की बड़ी योजना है। अभी 460 वर्गमीटर का कार्गो एरिया है, इसको बढ़ाकर 4500 वर्गमीटर करने की योजना पर काम चल रहा है। यह होगा तो यहां से प्रतिदिन 50 मीट्रिक टन कार्गो का व्यापार हो जाएगा।
उनका मंत्रालय रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर और अम्बिकापुर हवाई अड्डों का विस्तार और कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है।
उड़ान योजना के तहत अंबिकापुर एयरपोर्ट को भी डालने की योजना है। इसकी लाइसेंसिंग लंबित है। डीजीसीए ने दो बार निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाया है। उसे प्रदेश सरकार को दिया है।
प्रदेश सरकार से आज तक उसकी एक्शन टेकेन रिपोर्ट नहीं मिली है। वह रिपोर्ट मिलने के बाद ही लाइसेंसिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विकास के लिए बजट में 90 करोड़ रुपया आवंटित किया गया है।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि बिलासपुर में 350 एकड़ की जमीन एएआई को आवंटित होनी है। उसकी प्रक्रिया कई सालों से चल रही है। छत्तीसगढ़ सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई।
रायगढ़ एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 280 करोड़ रुपए रेखांकित किए गए हैं। वहां एयर ट्रैफिक कंट्रोल और दूसरी सुविधाओं के लिए 592 एकड़ जमीन आवंटित होनी है, लेकिन राज्य सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी।