श्योपुर। शराब ठेका के कर्मचारियों की गुंडागर्दी से आक्रोशित आदिवासी महिलाओं ने बुधवार की सुबह हंगामा कर दिया। महिलाओं ने न सिर्फ शराब ठेके में तोड़-फोड़ कर दी बल्कि हाईवे पर ढाई घंटे तक चक्काजाम कर दिया, जिससे वाहनों की लंबी कतार लग गई।
उन्हें रोकने के लिए तीन थानों का पुलिसबल मौके पर पहुंचा, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। आखिर में तहसीलदार ने तीन दिन में शराब दुकान हटाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद इस चेतावनी के साथ जाम खुल सका कि यदि तीन दिन में ठेका नहीं हटाया तो फिर आंदोलन होगा।
खबरों के मुताबिक, मंगलवार की रात सलापुरा के देशी शराब ठेका क्रमांक-तीन के कर्मचारियों ने उसके ठेके से शराब नहीं खरीदने पर एक दंपती और कुछ लोगों को पीट दिया था।
इसका विरोध देर रात तक आदिवासियों ने किया और इस मामले में कोतवाली पुलिस ने रामकिशन आदिवासी की रिपोर्ट पर से 7-8 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया।
लेकिन, बुधवार की सुबह फिर शराब ठेकेदार के लोगों ने एक युवक को पीट दिया। इसके बाद आदिवासी समाज की महिलाएं आक्रोशित हो गईं और शराब ठेका हटाने की मांग पर लाठी-डंडे लेकर शराब दुकान को तोड़ने पहुंच गईं।
यहां पुलिस के सामने ही महिलाओं ने नहर में कैंटीन की गुमटी फेंक दी। दुकान तोड़ने के प्रयास किए।
पुलिस ने जब उन्हें यहां से हटाया तो महिलाओं ने सलापुरा हाइवे पर चक्काजाम कर दिया। इसके कारण ढाई-तीन घंटे तक हाइवे बंद रहा। इससे वाहनों की कतार लग गई।
प्रशासन ने तीन दिन में शराब ठेका हटाने का आश्वासन दिया जिसके बाद ही आक्रोशित आदिवासी महिलाएं मानी। लेकिन, चक्काजाम खत्म करने से पहले यह चेतावनी भी दी कि यदि तीन दिन में शराब ठेका नहीं हटा तो फिर से आंदोलन होगा।