भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बहुत दिनों से यह चर्चा चल रही है कि मैं हिन्दू विरोधी हूं, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं उस परिवार से आता हूं जो बहुत धार्मिक प्रवृत्ति का है। मेरे गृहस्थान पर बहुत सारे मन्दिर हैं, जिसमें अलग-अलग भगवान विराजमान हैं।
इस दौरान अपनी मां का जिक्र करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरी मां बहुत धर्मिक प्रवृत्ति की थीं, लेकिन मेरे पिता ज्यादा धार्मिक नहीं थे। वो गांधी विचारधारा के थे। 1941 में मेरे पिताजी ने हमारे मंदिरों में दलितों का प्रवेश करवाया था। हमारे मंदिरों में जो दरवाजे लगे हैं उसमें उर्दू में लिखा है।
विवेकानंद जयंती के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने कभी हिन्दू या भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल नही किया। मैंने संघ प्रायोजित आतंकवाद कहा है। मैं कभी न हिन्दू विरोधी था न कभी हिन्दू विरोधी रहूंगा। हमारे यहां हिन्दू-मुस्लिम दोनों ने एक दूसरे के धार्मिकस्थल तोड़े हैं।
हिंदुत्व शब्द किसी भी ग्रंथ में नहीं मिलता है। सावरकर जी ने हिंदुत्व शब्द अपने इस्तेमाल के लिए गढ़ा है। हिंदुत्व शब्द से हिन्दुओं का कोई लेना-देना नहीं है। धर्म का उपयोग राजनीति के लिए किया जाए हम उसके खिलाफ हैं। सत्य ही ईश्वर है, हम उसको ही हम मानते हैं।
उन्होंने कहा कि राजमाता सिंधिया ने मुझसे कहा था कि जनसंघ में आ जाओ, लेकिन मैंने उन्हें जनसंघ में जाने के लिए मना कर दिया था। मेरे पिताजी कभी हिन्दू महासभा में नहीं गए। ये लोग हिन्दू-मुस्लिम के बीच कटुता फैलाते हैं।
सिर्फ आरएसएस ही नहीं विश्व में कई संगठन हैं, जो अपने धर्म को दूसरे धर्म से ज्यादा श्रेष्ठ बताते हैं। भारत में कभी धर्मिक युद्ध नहीं हुए, सियासी युद्ध जरूर हुए हैं।
बता दें कि दिग्विजय सिंह लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधते रहते हैं। हाल ही में इंदौर में युवा कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम में उन्होंने संघ की तुलना दीमक से कर दी थी और साथ ही कहा था कि संघ कोई पंजीकृत संस्था नहीं है और न ही सदस्य बनाती है।
दिग्विजय सिंह ने तो यहां तक कहा था कि नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे संघ के लिए काम करते थे, यह बात उन्होंने खुद स्वीकार की थी। हालांकि, दिग्विजय सिंह के इस बयान पर भाजपा नेताओं ने पलटवार करते हुए उन्हें कांग्रेस पार्टी में दीमक बता दिया था।