रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को एक पत्र लिखकर रायपुर एम्स और रायपुर मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब शुरू करने में मदद मांगी है।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने लिखा है, कोविड-19 के नए वैरियंट एवं उसके बदलते स्वरूप वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। हमारा देश भी इससे अछूता नहीं है।
देश के ज्यादातर राज्यों में कोविड के नए वैरिएंट के बढ़ते संक्रमण के समाचार लगातार सामने आ रहें हैं। चूंकि छत्तीसगढ़ कई राज्यों की सीमाओं से घिरा हुआ है, फलस्वरूप यहां कोरोना के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
सिंहदेव ने केंद्रीय मंत्री को जानकारी देते हुए बताया है कि CG:
In the letter written to Union Health Minister Mandaviya, Chhattisgarh Health Minister said genome sequencing facility is not available in the state at present, & samples are being sent to Bhubaneswar in neighbouring Odisha for the test, which is a time-consuming process
— ANI (@ANI) January 5, 2022
इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि जांच की गति धीमी होने के कारण हमें यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि हमारे क्षेत्र में फैलने वाला कोरोना वैरियंट ओमिक्रॉन है, डेल्टा है अथवा कोई अन्य।
इस देरी की वजह से संक्रमण की रोकथाम, जांच या इलाज इत्यादि के महत्वपूर्ण निर्णय लेने एवं रणनीतिक तैयारी करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा रायपुर एम्स में तत्काल शुरू करवाये जाने के आदेश जारी करने का आग्रह किया है। जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार के इस संस्थान में जीनोम सीक्वेंसिंग की लैब लगभग तैयार है और इसे मान्यता व दूसरे संसाधनों की जरूरत है।
साथ ही साथ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने राजधानी रायपुर स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेज में भी जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की सुविधा शुरू कराने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से आर्थिक व तकनीकी सहयोग की अपेक्षा की है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव खुद कोरोना संक्रमण की चपेट में होने के कारण होम आइसोलेशन में हैं लेकिन फिर भी वे इस दौरान काफी सक्रिय हैं और प्रदेश में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं।