धार। 247 करोड़ (वर्तमान कीमत) की भूमि अफरा-तफरी मामले में पांच आरोपियों की जमानत पर हाईकोर्ट में 20 और 21 दिसंबर को सुनवाई होना है। 20 दिसंबर सोमवार को स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर वकील कार्य से विरक्त रहेंगे।
ऐसी परिस्थिति में 20 दिसंबर को भूमि घोटाले में जेल में बंद तीन महिला सह आरोपितों की जमानत याचिका पर सुनवाई होने की संभावनाएं नहीं है। ऐसे में तीनों महिला आरोपियों शालिनी दास, रचना शुक्ला, अंजू जैन की जमानत पर सुनवाई तारीख आगे बढ़ सकती है।
इधर 21 दिसंबर को चार मुख्य आरोपियों में शामिल विवेक तिवारी सहित एक महिला सह आरोपी की जमानत याचिका पर भी सुनवाई होना है। 20 दिसंबर की सुनवाई आगे बढ़ने के बाद सर्वप्रथम जमानत याचिका पर सुनवाई तिवारी और अन्य की याचिका पर होगी।
23 से शुरू होगी सर्दियों की छुट्टियां –
भूमि अफरा-तफरी मामले में जमानत याचिकाओं की सुनवाई पर सबकी नजर है। महिला आरोपियों के परिजनों को उम्मीद है कि हाईकोर्ट से सह आरोपी व क्रेता होने और सीधे भूमि अफरा-तफरी मामले में भूमिका नहीं होने के कारण जमानत मिल सकती है।
वहीं मुख्य आरोपी विवेक तिवारी को भी हाईकोर्ट से उम्मीदें हैं। तमाम उम्मीदों के बीच शासन की ओर से जमानत नहीं देने को लेकर पुरजोर तरीके से पक्षा रखा जाएगा। 21 दिसंबर प्रशासन और आरोपितों के लिए बेहद महत्वपूर्ण तिथि हो गया है।
अगर जमानत मिलती है तो जेल में बंद अन्य लोगों की जमानत का रास्ता खुल जाएगा। हालांकि 23-24 दिसंबर से न्यायालय में सर्दियों की छुट्टियां शुरू होने वाले हैं। 3 जनवरी तक छुट्टियां रहेंगी। ऐसे में 21 और 22 दिसंबर दो दिनों में ही जमानत को लेकर निर्णय हो सकेगा।
22 दिन में एक आरोपी हाथ लगा
भूमि घोटाले में करीब 26 लोग नामजद किए गए हैं। इसमें 13 आरोपित 28 नवंबर को ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। प्रकरण दर्ज होने के बाद से अब तक पुलिस के हाथ फरार 13 आरोपितों में महज इंदौर निवासी मोहम्मद शहजाद ही हाथ लगा है।
जेल जाने के डर से 12 आरोपी भूमिगत हो गए हैं। इसमें मुख्य आरोपी सुधीर शांतिलाल का परिवार भी शामिल है। इस प्रकरण में सुधीर सहित उनकी पत्नी, भाई-भाभी व भतीजा आरोपी हैं। इसमें तीन लोग सुधीर, उनकी पत्नी और भतीजा भूमिगत हो गए हैं। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने इनाम की राशि बढ़ाई है, लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा है।
यह है मामला
सन् 1895 में धार महाराजा आनंद राव पंवार द्वारा द कैनेडियन प्रेस बिटेरियन मिशन कमेटी चर्च काउंसिल को जन कल्याण के कार्य हेतु भूमि लीज पर दी थी। इस भूमि को डेढ़ दशक पूर्व मालवा चर्च ऑफ काउंसिल के केयर टेकरों ने फर्जी डिक्री के आधार पर लोगों को विक्रय कर दिया था।
इस मामले में पॉवर ऑफ अटर्नी से लेकर ऑनर बनकर विक्रय करने वाले दास परिवार ने गौंड आदिवासी होने के बावजूद ईसाई बनकर जमीन बेची है। इस पूरे मामले में एक शिकायत के बाद धार पुलिस ने लंबी जांच के पश्चात प्रकरण पंजीबद्ध किया था। मुख्यमंत्री इस मामले में ट्वीट कर धार प्रशासन को बधाई भी दे चुके हैं।