इंदौर। देश के प्रसिद्ध प्रोद्योगिकी संस्थान आरआरकेट के निदेशक और वैज्ञानिक डॉ. शंकर विनायक नाखे को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान इंदौर के ओरिएंटल विश्वविद्यालय द्वारा दिया गया है। विश्वविद्यालय ने पिछले दिनों अपने तीसरे दीक्षांत समारोह में डॉ. नाखे को यह मानद उपाधि प्रदान की। विश्वविद्यालय ने उन्हें भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान दिया है।
विश्वविद्यालय के देवी शकुंतला ठकराल सभागार में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के चांसलर प्रवीण ठकराल ने की। यहां मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. भरत चरण सिंह प्रमुख अतिथि के रुप में मौजूद रहे। इसके अलावा कार्यक्रम के अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अखिलेश कुमार पाण्डेय विशिष्ट अतिथि के रुप में पहुंचे थे।
आरआर केट के निदेशक डॉ. नाखे को यह सम्मान भौतिक विज्ञान में उनकी विशेज्ञता को देखते हुए दिया गया है। डॉ. नाखे देश में लेजर के विशेषज्ञ माने जाते हैं और इंडियन लेजर एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने सांगली में इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन के बाद भाभा परमाणु संस्थान यानी बार्क में उच्च शिक्षा हांसिल की और फिर 1987 से वे आरआरकेट से जुड़े हैं। जहां कई कई जिम्मेदारियां निभाते हुए वे अब संस्थान के निदेशक हैं।
डॉ. नाखे के नेतृत्व में कई लेजर और फोटोनिक्स सिस्टम विकसित किये जा चुके हैं। जिनका उपयोग देश के विभिन्न संस्थानों में उपयोग किया जा रहा है। आरआरकेट में फाइबर ब्रैग ग्रेटिंग इंस्क्रिप्शन में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके कई शोध पत्र और भौतिक विज्ञान के विभिन्न विषयों पर कई लेख दुनियाभर की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं।