महू। नगर के ग्राम कोदरिया निवासी एक मूकबधिर युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका अविवाहिता थी और उसे सात माह का गर्भ था। मृतका को छह दिन पूर्व स्वजन पेट दर्द उपचार के लिए शासकीय मध्यभारत अस्तपाल लाए थे जहां पता चला की वह गर्भवती है लेकिन उसके पति का नाम नहीं बताया गया।
अस्पताल के द्वारा इसकी जानकारी बड़गोंदा पुलिस को दे दी गई थी लेकिन वहां से भी पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई छह दिन बाद जब महिला को मृत शिशु पैदा हुआ और बाद में मां की भी मौत हो गई तब पुलिस ने मामले में गंभीरता दिखाई। इसके बाद न सिर्फ बच्चे की लाश को जमीन से निकलवाया बल्कि दोनों का पोस्टमार्टम कर जांच शुरू की गई।
शासकीय मध्यभारत अस्पताल में बीस वर्षीय महिला कोदरिया क्षेत्र से पहुंची थी। मृतक न तो सुन सकती थी और न ही बोल सकती थी। वह अविवाहित थी लेकिन उसके पेट में सात माह का गर्भ पल रहा था।
जानकारी के अनुसार मृतकों को उसके स्वजन बुधवार की दोपहर दो बजे गंभीर स्थिति में अस्पताल लाए थे तथा पांच मिनट बाद उसने एक बच्चे काे मृत अवस्था में जन्म दिया। जिसे स्वजनों ने शाम को महू मुक्तिधाम में जमीन में दफ़ना दिया। इसके बाद शाम सात बजे मृतका की भी मौत हो गई।
मौत का कारण मृतका के पेट में इंफैक्शन होना बताया जा रहा है। मामला संदिग्ध होता देख बड़गोंदा पुलिस भी सक्रिय हुई और स्वजनों को साथ लेकर नवजात की
लाश निकलवा कर पोस्टमार्टम कराया।
इस मामले में मुख्य बात यह है कि मृतका न सुन सकती औ न ही बोल सकती है। ऐसे में वह अविवाहित होने के बाद भी गर्भवती कैसे हो गई? और स्वजनों ने इसके बारे में कोई जानकारी क्यों नहीं दी। चर्चा में भी सभी स्वजनों ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। ऐसी स्थिति में पुलिस कई तरह के सवालों के जवाबों की तलाश में है।
बताया जाता है कि परिजन मृतका को एक सप्ताह पूर्व पेट दर्द का उपचार कराने अस्पताल लाएं जहां जांच में पता चला कि उसके पेट में सात माह का गर्भ है। परिजनों ने पूछने पर पति का नाम नहीं बताया। मामला संदिग्ध होने पर तत्काल बड़गौंदा पुलिस सूचना को दी गई लेकिन तब पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और न ही जांच की।
माना जा रहा है कि अगर पुलिस समय पर पूछताछ करती व अज्ञात लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कर जांच करती तो मामले की सचाई सामने आ सकती थी और महिला को बेहतर इलाज भी मिल सकता था।
इस संबंध में अस्पताल प्रभारी डॉ. हंसराज वर्मा ने कहा कि मृतका छह दिन पूर्व पेट दर्द के उपचार के लिए आई थी तब पता चला कि वह गर्भवती है। पूछताछ में स्वजनों द्वारा पिता का नाम नहीं बताने पर हमने पुलिस को सूचना दे दी थी। बुधवार को एक बार फिर आई लेकिन तब वह काफी गंभीर स्थिति में थी। इसके बाद स्टाफ ने तुरंत उपचार शुरू कर दिया।
डॉ. वर्मा के मुताबिक मृतका ने मृत बच्चे को जन्म दिया तथाकुछ घंटे बाद उसकी भी मौत हो गई और क्योंकि अस्पताल द्वारा पहले ही मामले की जानकारी पुलिस काे दी जा चुकी थी इस कारण बच्चे की लाश को स्वजनों को सौंप दिया गया।
मामले में पुलिस के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर केएस बामनिया ने कहा कि मृतका के बारे में पूर्व में सूचना मिली थी। गुरूवार को महिला की मौत की जानकारी लगी। हमने दोनों का पोस्टमार्टम कराया है। पुलिस पूछताछ व जांच कर रही है और जल्दी ही सही जानकारी सामने आ जाएगी।
इस मामले में स्थानीय पुलिस के प्रमुख एएसपी पुनीत गेहलोद ने कहना है कि यह प्रकरण अभी ही उनकी जानकारी में आया है और फिलहाल संदिग्ध नजर आ रहा है। ऐसे में मामले की जांच की जाएगी और इसके बाद ही किसी जवाब पर पहुंचना उचित होगा।