देश के ज्यादातर हिस्सों में लोग अब कोरोना संक्रमण के खतरे से बेपरवाह नजर आ रहे हैं। ऐसे में तीसरी लहर को लेकर एक बड़ी भविष्यवाणी आ रही है जिसके मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर इसी महीने अगस्त में दस्तक देगी।
भविष्यवाणी के मुताबिक अगस्त के दूसरे-तीसरे हफ्ते के बीच ही कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हो जाएगी।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट बताती है कि ये एक्सपर्ट्स ने मैथमैटिकल मॉडल पर की गई है। जिसे रिसर्च में IIT हैदराबाद और कानपुर के मधुकुमल्ली विद्यासागर और मनिंद्र अग्रवाल ने मिलकर किया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक यह तीसरी लहर की शुरुआत होगी, जो इसी साल अक्टूबर में रोजाना एक से डेढ़ लाख नए मरीजों तक पहुंच जाएगी। इस दौरान थर्ड सबसे खतरनाक स्तर पर होगी हालांकि रिसर्च में यह भी कहा गया है कि इस बार कोरोना दूसरी लहर जितना खतरनाक नहीं होगा।
उल्लेखनीय ह दूसरी लहर के दौरान एक दिन में संक्रमण के चार लाख से अधिक मामले आ रहे थे लेकिन इस बार यह आंकड़ा एक से डेढ़ लाख तक की होगा।
कोरोना की इस तीसरी लहर से बचने के उपाय वैक्सीनेशन और कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना ही है। इस दौरान मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और पब्लिक गेदरिंग से लोगों को बचना होगा। इसके साथ ही वैक्सीनेशन भी तेज करना होगा, ताकि खतरे को ज्यादा से ज्यादा हावी होने से रोका जा सके।
इससे पहले, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी अगस्त में ही थर्ड वेव आने का दावा किया था। संस्था के डॉ. समीरन पांडा ने कहा था कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो यह अगस्त के अंत के आसपास किसी भी समय आएगी।
डॉ. पांडा ने यह भी कहा, तीसरी लहर कब आएगी और कितनी गंभीर हो सकती है, ये सभी सवाल परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं जो पूरी तरह से समझ से परे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सोमवार को भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 40,134 नए मामले सामने आए। 422 लोगों ने जान गंवाई है। फिलहाल संक्रमण की कुल संख्या 3.16 करोड़ के पार है।
इनमें 4.24 लाख लोगों की जान गई है। देश में सक्रिय मामलों की संख्या 4.13 लाख है। अब तक 3.08 करोड़ लोग महामारी से उबर चुके हैं। ठीक होने की दर 97.35% है।
देश में लगातार 36 दिनों से रोजाना 50 हजार से कम नए मामले सामने आए हैं। वैक्सीन के 46 करोड़ से ज्यादा डोज लगाए जा चुके हैं। केंद्र सरकार ने दिसंबर तक बड़ी आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है।
केरल, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर क्षेत्रों सहित 10 राज्यों में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अपनी टीम इन राज्यों में भेजी है, जो वायरस को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।