नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर कमज़ोर पड़ चुकी है लेकिन इसके निशान अब भी नज़र आ रहे हैं। मानसून की आंशिक शुरुआत हो चुकी है और इसके चलते नदियों में जल स्तर बढ़ रहा है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने कुछ नई मुसीबत सामने ला दी है। जैसा की अंदेशा था यहां बीते महीनों के दौरान रेत में दफनाए गए शव अब बाहर आ रहे हैं। संदेह जताया जा रहा है कि ये ‘कब्रें’ कोरोना मरीजों की हैं।
प्रयागराज में आलम ये है कि जैसे-जैसे जल स्तर बढ़ रहा है, रेत के किनारे उखड़ रहे हैं और पानी में तैर रहे हैं। पिछले दो दिनों में स्थानीय पत्रकारों के द्वारा प्रयागराज के विभिन्न घाटों पर मोबाइल पर खींचे गए वीडियो/तस्वीरों में नगर निगम की टीम को शव बाहर निकालते हुए देखा जा सकता है।
@ravishndtv @ndtvindia #prayagraj #curzon_bridge @aajtak months old bodies are buried out from bank of ganga river and are being burned. pic.twitter.com/8CsnokryqB
— Vishal Pandey (@Vishal55445823) June 22, 2021
एक मृत व्यक्ति के शव के मुंह में ऑक्सीजन ट्यूब देखे जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने माना कि ऐसा लगता है कि मौत के पहले यह शख्स बीमार होगा. उन्होंने कहा, ‘आप देख सकते हैं कि यह शख्स बीमार था और परिवार इस वयक्ति को यहां छोड़कर भाग गया होगा, संभवत: वे डर गए होंगे।’ सभी शव ‘डिकम्पोज’ नहीं हुए हैं, उन्होंने कहा कि कुछ शवों को स्थिति बताती है कि इन्हें हाल ही में दफनाया गया है।
प्रयागराज मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी, जिन्हें नदी के किनारे पर अंतिम संस्कार में मदद करते दिखाया गया था, ने मीडिया को बताया कि कई समुदायों में शवों को दफनाने की लंबी परंपरा रही है। जहां मिट्टी में शव डिकम्पोज (विघटित) हो जाते हैं, वह रेत में नहीं हो पाते। उन्होंने कहा, ‘हमें जहां भी शव मिल रहे हैं, हम उनका अंतिम संस्कार करवा रहे हैं।’
साभारः एनडीटीवी इंडिया