दीदी ने कर दिया ‘खेला’, भतीजे अभिषेक के हाथों मुकुल रॉय की वापसी करवा दिए कई संदेश


यूपी में चल रही सियासी उठापटक के बीच पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर आ रही है। मुकुल रॉय और उनके बेटे शुभ्रांग्शु रॉय की तृणमूल कांग्रेस में वापसी हो गई है।


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कोलकाता। यूपी में चल रही सियासी उठापटक के बीच पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर आ रही है। मुकुल रॉय और उनके बेटे शुभ्रांग्शु रॉय की तृणमूल कांग्रेस में वापसी हो गई है।

माना जा रहा है कि अब इसके साथ शुरू होगा उन लोगों के भी टीएमसी में लौटने का दौर, जो चुनाव से पहले पाला बदलकर भाजपा खेमा गए थे।

हालांकि, टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि जिन्होंने पार्टी के साथ गद्दारी की है, उनके लिए तृणमूल कांग्रेस में कोई जगह नहीं है।

 

भाजपा से टीएमसी में वापस आए मुकल रॉय ने इस मौके पर कहा कि बीजेपी छोड़कर TMC में आया हूं, अभी बंगाल में जो स्थिति है, उस स्थिति में कोई बीजेपी में नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि घर वापस आकर अच्छा लग रहा है।

मुकुल व उनके बेटे शुभ्रांग्शु रॉय की टीएमसी में भतीजे अभिषेक बनर्जी के हाथों ही वापसी करवा कर ममता बनर्जी ने कई संकेत भी दिए हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक ऐसा करके ममता बनर्जी ने अपना कद और बड़ा कर लिया है।

जिस भतीजे अभिषेक बनर्जी पर भाजपा ने घोटाले के आरोप लगाए, उसके हाथों ही मुकुल की घर वापसी हुई है। ऐसा करके ममता दीदी ने संकेत दिए हैं कि टीएमसी में दबदबा अभिषेक का ही रहेगा।

इसके साथ ही नाराज चल रहे मुकुल रॉय से पीएम मोदी ने 10 मिनट फोन पर बात की थी, लेकिन ममता उन्हें मनाने के लिए न तो खुद गईं और न फोन किया। हालांकि, भतीजे अभिषेक बनर्जी को भेजा। इतना ही नहीं, मंच पर भी ममता बैठी रहीं और अभिषेक के हाथों मुकुल की पार्टी में वापसी कराई।

बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही पार्टी से दूरी बनाना शुरू कर दी थी। उन्होंने दो-तीन दिन पहले ही ममता बनर्जी से मिलने के लिए समय मांग लिया था और आज वे टीएमसी में शामिल हो जाएंगे।

 

मुकुल रॉय को भाजपा ने कृष्णनगर उत्तर सीट से चुनावी मैदान में उतारा था और उन्होंने टीएमसी उम्मीदवार कौशानी मुखर्जी को 35 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांग्शु रॉय को भी भाजपा ने टिकट दिया था लेकिन वे हार गए।

मुकुल रॉय और उनके बेटे के ममता बनर्जी के साथ जाने के कयास चुनावी नतीजों के आने के बाद से ही लगाए जा रहे थे। बीते कुछ दिनों से वे भाजपा की बैठकों में भी शामिल नहीं हो रहे थे।

हालांकि, पार्टी इसकी वजह मुकुल रॉय की पत्नी की तबियत ज्यादा खराब होना बताती रही है। वहीं उनके बेटे शुभ्रांग्शु ने भी कुछ दिनों पहले अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये भाजपा पर हमला बोला था।

सूत्रों के मुताबिक, मुकुल रॉय को भाजपा ने उचित सम्मान नहीं दिया इसलिए वे दोबारा टीएमसी में वापसी कर रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी का कद जिस तेजी से भाजपा में बढ़ा, वैसा मुकुल का नहीं और ये भी उनकी बेचैनी की एक वजह है।

मुकुल रॉय के अलावा भाजपा के करीब 33 विधायक-सांसद ऐसे हैं, जो दोबारा टीएमसी में शामिल होना चाहते हैं। इनमें राजीव बनर्जी, सोवन चटर्जी, सरला मुर्मु, पूर्व विधायक सोनाली गुहा और फुटबॉलर से राजनेता बने दीपेंदू विश्वास जैसे नेता शामिल हैं।

हालांकि ममता दीदी फिलहाल सब पर ममता दिखाने के मूड में नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा करने पर पार्टी में अंसतोष बढ़ सकता है। टीएमसी पार्टी का एक धड़ा चाहता है कि जिन्होंने चुनाव के पहले गद्दारी की अब उन्हें दोबारा पार्टी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।



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