नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन की किल्लत के बीच हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी बायोलॉजिकल-ई से वैक्सीन की 30 करोड़ डोज का करार किया है।
जानकारी के मुताबिक, बायोलॉजिकल-ई द्वारा ये वैक्सीन अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच बनाई जाएगी और स्टोर की जाएगी और सरकार की ओर से इसके लिए कंपनी को 1500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान भी किया गया है।
पहले और दूसरे फेज के ट्रायल में पॉजिटिव रिजल्ट दिखने के बाद बायोलॉजिकल-ई अब वैक्सीन के तीसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल कर रही है। यह वैक्सीन एक आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है।
बायोलॉजिकल-ई की वैक्सीन में टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल सेंटर फॉर वैक्सीन डेवलपमेंट में डेवलप किया गया एक एंटीजन है। इस वैक्सीन में Dynavax Technologies Corporations का एडवांस्ड एडजुवेंट CpG 1018TM भी है।
वैक्सीन में SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन है। ये वैक्सीन रिकॉम्बिनेंट प्रोटीन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से एक नुकसान न करने वाले एजेंट से इम्युन प्रतिक्रिया शुरू करती है।
.@MoHFW_INDIA has finalised arrangements with Hyderabad-based vaccine manufacturer Biological-E to reserve 30 Crore of COVID-19 vaccine doses. M/s Biological-E will manufacture and stockpile these vaccination doses from August to December 2021. pic.twitter.com/Vla6zqs9vy
— PB-SHABD (@PBSHABD) June 3, 2021
खास बात यह भी है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के बाद यह दूसरी मेड इन इंडिया वैक्सीन होगी। सरकार ने कंपनी को क्लिनिकल ट्रायल के लिए 100 करोड़ रुपये के अलावा रिसर्च के लिए अन्य मदद मुहैया कराई है।
केंद्र सरकार बायोलॉजिकल-ई को काफी मदद कर रही है ताकि यह ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन उत्पादन करे जिससे देश के लोगों को जल्द से जल्द टीका मुहैया कराया जा सके।
सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का इस्तेमाल वैक्सीनेशन ड्राइव में किया जा रहा है। रूस की स्पुतनिक-वी को भी भारत में इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी गई है।
इसके अलावा DRDO ने कोविड की रोकथाम के लिए 2-DG दवा बनाई है। इसके इमरजेंसी इस्तेमाल को भी मंजूरी दे दी गई है। यह एक पाउडर होता है, जिसे पानी में घोलकर दिया जाता है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दावा किया था कि दिसंबर 2021 तक भारत के हर नागरिक को कोरोना की वैक्सीन लगा दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है।
उन्होंने कहा था कि दिसंबर तक देश के पास वैक्सीन के 216 करोड़ डोज होंगे। इसका मतलब है कि हम 108 करोड़ लोगों को वैक्सीन दे पाएंगे।