भोपाल। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले कुछ हद तक कम हो चुके हैं। कोरोना महामारी के तमाम तरह के शोध किए गए। इस बीच कई संस्थानों ने सरकार को अपने इन शोध की रिपोर्ट भेजी है।
इन रिपोर्ट्स में कोरोना की अब तक की स्थिति और आने वाले दिनों में संक्रमण के मरीजों का आंकलन किया गया है। शोध करने वाले सभी संस्थानों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की।
इन रिपोर्ट्स में बताया गया कि है कि प्रदेश के जिन इलाकों में संक्रमण कम है वहां ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि यह भविष्य में बढ़ सकता है। इसके साथ ही आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत बताई गई है।
इनमें से पहली रिपोर्ट IIT कानपुर और IIT हैदराबाद ने तैयार की है। इसके मुताबिक मध्यप्रदेश में 15 जून तक हर दिन कोरोना के 1500 पाॅजिटिव केस आएंगे। यह संख्या कम तो है, लेकिन इस दौरान भी पूरी सावधानी अपनानी होगी।
इसके अलावा दूसरी रिपोर्ट सेंटर फॉर मैथमेटिकल मॉडलिंग फॉर इनफेक्शियस डिजीज ने तैयार की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाले दिनों में प्रतिदिन प्रदेश में संक्रमण के मामलों की संख्या 500 से 1400 तक होगी।
इसके अध्ययन में बताया गया कि यदि शत-प्रतिशत व्यक्ति मास्क पहनते हैं तो आगामी एक सितंबर तक प्रकरणों की औसत संख्या 2400 प्रतिदिन रहेगी।
प्रदेश में कोरोना की इस स्थिति पर आई एक तीसरी रिपोर्ट इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बैंगलोर ने भी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं। इस तीसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दिनों में संक्रमण को रोकने के लिए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी होगा। इसके अलावा वैक्सीनेशन में भी तेज़ी लाने के लिए कहा गया है।
एक संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के अंतिम पड़ाव के दौरान यानी मई में मिले संक्रमितों में 58% मरीज 18 से 44 साल की उम्र के हैं। यही नहीं इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना की पहली लहर के आखिरी समय यानी जनवरी में यह आंकड़ा 49% था। इसी तरह 18 से कम उम्र के संक्रमित 6% से बढ़कर 7% हो गए हैं।