नरसिंहपुर। चक्रवात ताऊते का असर नरसिंहपुर जिले के मौसम पर भी है और मंगलवार को हुई बारिश से सैकड़ों केंद्रों में खुले आसमान तले रखा सैकड़ों क्विंटल गेहूं बारिश से तरबतर हो गया।
यहां चक्रवात की वजह से तीन दिन के लिए खरीदी बंद कर दी गई है। शेष चार दिन में 25 हजार से ज्यादा किसानों का गेहूं कैसे खरीदा जाएगा, इसे लेकर किसानों में उहापोह की स्थिति बन गई है।
चक्रवात ताऊते का असर जिले के मौसम पर भी है, जिसके कारण सोमवार के बाद मंगलवार को भी जिले के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। मंगलवार को बारिश की वजह से खरीदी केंद्रों में परिवहन से वंचित सैकड़ों क्विंटल गेहूं पानी से भींग गया।
इसके साथ ही प्रशासन ने साइक्लोन की वजह बताकर 17, 18 एवं 19 मई को खरीदी बंद कर दी है। इसके लिए संबंधित विभाग को पत्र भी भेजा गया है। मुश्किल बात यह है कि सोमवार 17 मई को भी खरीदी नहीं हुई, लेकिन किसानों को इसकी सूचना नहीं दी गई।
17 मई की शाम को सिर्फ यह सूचित किया गया कि बारिश चक्रवात की वजह से 18 एवं 19 मई को खरीदी बंद रहेगी। पहले ही खरीदी केंद्रों में बारदाने नहीं हैं जिससे कई केंद्रों में खरीदी ठप रही है।
किसान जब केंद्रों में अपना गेहूं लेकर पहुंचे तो उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। वहां उनसे कहा गया कि बारदाने आएंगे, तब खरीदी हो सकेगी। बारदाने की कमी और अब पानी की समस्या से किसान अपना गेहूं केंद्रों में नहीं बेच पा रहे हैं।
मुश्किल यह है कि पंजीकृत 53 हजार 300 किसानों में से अब तक 24 हजार किसान ही अपना गेहूं दे सके हैं। शेष 25 हजार से ज्यादा किसानों के लिए अब सिर्फ चार दिन शेष बचे हैं क्योंकि 25 मई खरीदी की अंतिम तारीख है।
ऐसी स्थिति में किसानों में उहापोह है कि उनका गेहूं बिना किसी मुश्किल के खरीदा जाएगा या फिर हर साल की तरह उन्हें प्रशासनिक झंझट का सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि जिले में 20 हजार क्विंटल के मुकाबले अब तक साढे 16 लाख से अधिक की गेहूं की खरीदी की जा चुकी है। खरीदी के लिए जिले में 100 केंद्र बनाए गए हैं।
18 व 19 मई को नहीं होगा गेहूं उपार्जन
असामयिक वर्षा को देखते हुए उपार्जित स्कंध की सुरक्षा करने के उद्देश्य से जिला नरसिंहपुर में 18 एवं 19 मई को गेहूं उपार्जन का कार्य स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। इस अवधि में जिन कृषकों को एसएमएस भेजा गया है। उनको पृथक से एसएमएस भेजकर सूचित किया जाएगा।
– राजीव शर्मा, ज़िला आपूर्ति अधिकारी