जबलपुर/नरसिंहपुर। सिटी अस्पताल (जबलपुर) में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में सियासी तकरार भी छिड़ गई है। नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल ने कमिश्नर और पुलिस महानिरीक्षक को ज्ञापन भेजकर यह मांग की है कि सिटी अस्पताल में साइलेंट पार्टनर कौन है, पर्दे के पीछे कौन है, उनका भी खुलासा किया जाए।
दूसरी तरफ, कांग्रेस ने भी इस मसले पर अपनी राजनीति चमकानी शुरू कर दी है और मामले को लेकर मुख्य सचिव के नाम एक ज्ञापन सौंपा है।
वहीं, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले में कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा की सर्वदलीय समिति से इस मामले की जांच कराएं तो खुलासे संभव हैं।
सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा व देवेंद्र चौरसिया की गिरफ्तारी एवं नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर गुजरात पहुंची पुलिस तथा रासुका की कार्यवाही के बाद नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल ने कमिश्नर और आईजी को पत्र लिखा है।
इस पत्र में रासुका लगने के बाद भी उन्होंने यह मांग दोहराई कि आरोपियो पर रासुका की कार्रवाई की जाए। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सिटी अस्पताल की भूमिका अरसे से संदिग्ध रही है।
नियमों को ताक पर रखकर सरकारी योजनाओं में पैसे प्राप्त करने के लिए जमकर धांधली की गई और इसका दुरुपयोग किया गया। इस मामले में किसी न किसी का राजनैतिक संरक्षण है इसलिए सिटी अस्पताल के संचालन करने वाले पर्दे के पीछे कौन-कौन हैं? इसका खुलासा किया जाए।
इस मामले में नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल ने कमिश्नर और आईजी को ज्ञापन सौंपा है। नरसिंहपुर में भी कांग्रेस जिला अध्यक्ष मैथिली शरण तिवारी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इस मामले की पूरी तरह जांच करने की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर विधायक जालम सिंह पटेल के वायरल हुए पत्र पर ट्वीट करते हुए कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जांच कराएं तो बेहतर है। विधानसभा की सर्वदलीय समिति से मुख्यमंत्री जांच कराएं तो खुलासे होंगे।
जिला कांग्रेस ने मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन के नाम ज्ञापन सौंपकर घटना की जांच सीबीआई से कराये जाने की मांग की है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मैथिली शरण तिवारी, पूर्व नरसिंहपुर विधायक सुनील जायसवाल व युवक कांग्रेस प्रदेश सचिव अतुल चौरसिया ने मांग की है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय सीबीआई जांच हो।
नरसिंहपुर जिले के इन नकली इंजेक्शनों से मृत व्यक्तियों व अस्वस्थ हुए पीड़ित मरीजों को उचित मुआवजा मिले।
सिटी अस्पताल की मान्यता की रद्द –
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कारगुजारी का भंडाफोड़ होने और गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय मध्यप्रदेश ने सिटी अस्पताल की मान्यता भी रद्द कर दी है।