इंदौर। कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई जा रही हैं और इस बीच अब सरकारी डॉक्टर भी अपने पद छोड़ रहे हैं। बुधवार को इंदौर के दो मेडिकल ऑफिसर ने इस्तीफ़ा दे दिया। ये दोनों ही अधिकारी कलेक्टक और एसडीएम के व्यवहार से दुखी थे।
इस्तीफा देने वालों में इंदौर की प्रभारी सीएमएचओ रह चुकीं डॉ. पूर्णमा गाडरिया ने अपनी नौकरी छोड़ने की वजह कलेक्टर के व्यवहार को बताया है। इसके साथ ही मानपुर के मेडिकल ऑफिसर डॉ. आरएस तोमर ने भी इस्तीफे में एसडीएम अभिलाष मिश्रा के अभद्र व्यवहार का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा है कि वे एसडीएम के व्यवहार से व्यथित हैं। ऐसे में वे आगे काम नहीं कर पाएंगे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर के मेडिकल ऑफिसर डॉ. आरएस तोमर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि आज एसडीएम अभिलाष मिश्रा द्वारा किए गए अभद्रता, अशिष्टता एवं अमर्यादित व्यवहार से मैैं व्यथित हूं। हालांकि मैं भी उसी भाषा का प्रयोग कर सकता था, लेकिन पद, गरिमा और प्रतिष्ठा सर्वोपरि होती हैै। अत: मैं सुनता रहा।
मेरा अनुरोध है कि मैं इस तरह से कार्य नहीं कर सकता। मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। एक दिन में चार बार इंसुलिन इंजेक्शन लगाता हूं। हार्ट एंजियोप्लास्टी होने के बाद भी अपने कार्य को निष्ठा से कर रहा था, किंतु आज मेरी मानसिक व शारीरिक वेदना सहनशक्ति से बाहर हो गई हैै। मैं आगामी समय में कार्य करने में असमर्थ हूं।
वहीं कलेक्टर मनीष सिंह पर आरोप लगाने वाली डॉ. गड़रिया ने स्वास्थ्य आयुक्त संचालनालय को दिए गए अपने इस्तीफे में लिखा कि वे जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पद से पांच मई को त्याग पत्र दे रही हूं। इस्तीफा देने के बाद डॉ. गाडरिया ने कहा कि कलेक्टर साहब मानते हैं कि हम कुछ काम नहीं करते हैं। फोन पर भी वे ठीक तरीके से बात नहीं करते और अपनी नाकामी का ठीकरा हम पर थोपते हैं।
कुछ होता है, तो कहते हैं कि खुद ही इस्तीफा दे दो, नहीं तो मैं सस्पेंड कर दूंगा। मुझे लगा, अब इस्तीफा दे ही देना चाहिए, क्योंकि अब और नहीं सहा जाता। किसी को तो आगे आना होगा।
कलेक्टर मनीष सिंह ने पहले भी सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया को बैठक में फटकार लगाकर बेइज़्ज़त किया था। कलेक्टर ने उन्हें सबके सामने यूज लेस सीएमएचओ तक कह दिया था। इसके बाद मीटिंग से बाहर आए जड़िया को सीने में दर्द हुआ और वे बाहर चेयर पर बैठ गए थे और बाद में अस्पताल में भर्ती हुए फिर लंबी छुट्टी पर चले गए।