डेढ़ सौ मज़दूरों ने दिन-रात काम करके 90 दिनों में तैयार होने वाला ऑक्सीजन प्लांट चार दिन में किया शुरू


प्रदेश के चार जिलों में ऑक्सीजन प्लांट शुरु हो चुके हैं वहीं चार में काम जारी है। केंद्र सरकार ने आठ जिलों में प्लांट लगाने की मंजूरी दी थी। इन प्लांट पर 105 करोड़ का खर्च आ रहा है। 


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इंदौर। सरकार के तमाम प्रयासों के बीच प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है। हालांकि इंदौर में स्थिति कुछ हद तक बेहतर बताई जा रही है। इस बीच ऑक्सीजन प्लांट को तैयार करने के लिए काम भी तेज़ी से चल रहा है।

पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में ऑक्सीजन प्लांट को काफ़ी तेज़ी से शुरू किया गया है। यहां तीन साल से एमसीएल ग्लोबल का प्लांट बंद पड़ा हुआ था जिसे केवल तीन दिनों में शुरू कर लिया गया। इस काम में डेढ़ सौ मज़दूरों ने चार दिनों तक लगातार काम किया है।

कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक यह काम 90 दिनों में पूरा होता लेकिन कर्मचारियों की मेहनत के दम पर यह काम केवल चार दिनों में पूरा हो गया है।

इस प्लांट से रोज़ाना तीस टन ऑक्सीजन मिलेगी। इसके शुरू होने से इंदौर के अलावा धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन के अस्पतालों के लिए भी सहूलियत होगी। फिलहाल पीथमपुर के दूसरे ऑक्सीजन प्लांट पर गैस लेने के लिए वाहनों की लंबी कतारें लगी नज़र आ रही हैं।

प्रदेश के चार जिलों में ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो चुके हैं और चार में काम जारी है। केंद्र सरकार ने आठ जिलों में प्लांट लगाने की मंजूरी दी थी। इन प्लांट पर 105 करोड़ का खर्च आ रहा है।

सबसे पहले उज्जैन में प्लांट शुरू हुआ था। इसके अलावा खंडवा, शिवपुरी, सिवनी जिलों में भी प्लांट शुरू हो चुके हैं। हालांकि इन प्लांट से फिलहाल उम्मीद के मुताबिक उत्पादन नहीं मिल रहा है।

जानकारी की मानें तो प्लांट से 180 सिलेंडर ऑक्सीजन मिलनी चाहिए थी, लेकिन फिलहाल केवल सौ सिलेंडर मिल रही है। ज़ाहिर है ऐसे में इन जिलों के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी फिर हो सकती है।

इस बीच बीना रिफायनरी में भी ओमान की कंपनी के द्वारा ऑक्सीजन प्लांट शुरू किया जा रहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका जायज़ा लिया।



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