धार। जिले में बढ़ते कोविड संक्रमण के आंकड़ों के बाद व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के मद्देनजर जिले में 4 स्थानों पर नए कोविड सेंटर प्रारंभ किए गए है। इसी के साथ राजगढ़ में जैन तीर्थ मोहनखेड़ा में भी 300 बिस्तरों की व्यवस्था को लेकर तैयारियां की जा रही है।
एक तरफ तो सेंटरों का विस्तार हो रहा है, लेकिन फील्ड में काम करने के लिए स्वीपर, वार्ड बॉय सहित अन्य कर्मी नहीं है। ऐसे में खुली भर्ती के माध्यम से कार्य हेतु लोगों को नियुक्त करने की कवायद चल रही है।
इन सब प्रयासों के मध्य एक दूसरी तस्वीर कोविड झोन में सामने आई है। यहां पर कठिन समय में सेवाएं दे रहे आऊटसोर्स कर्मियों को दो से तीन माह का वेतन नहीं मिल पाया है। कमोबेश यही स्थितियां ड्राइवरों के साथ है।
अप्रैल का महीना लगभग बीतने आया है। मार्च माह का वेतन नहीं मिला है। इस तरह की स्थितियां तब सामने आई हैं जब सरकार उपचार से लेकर व्यवस्थाओं के सरलीकरण में मुक्त हाथों से पैसा खर्च कर रही है।
ऐसे में नए कोविड सेंटरों पर सेवाएं देने के लिए वेतन की इन परिस्थितियों के मध्य कर्मचारी कैसे कदम आगे बढ़ाएंगे।
काम पर गर्व है, तकलीफ घर चलाने की –
मुख्यालय पर कोविड झोन के डीसीएचसी में मंगलवार को समाचार पत्र प्रतिनिधि के समक्ष सफाईकर्मियों ने वेतन ना मिलने के कारण आ रही दिक्कतों का जिक्र किया।
कर्मचारी शबनम मौसी जो स्टाफ की एक आवाज पर दौड़ लगाकर काम करती है, ने बताया कि कोविड झोन में विपरित परिस्थितियों में भी काम करने पर गर्व है, लेकिन घर चलाने के लिए पैसा लगता है। 2-3 महीने हो गए हैं। हमें वेतन नहीं मिला है। आप हमारी समस्या जिम्मेदारों तक पहुंचाइये ना।
शबनम मौसी की इस बात का समर्थन नजमुद्दीन, सैफ अली जैसे अन्य कर्मियों ने भी किया। सवाल यह है कि कर्मचारी यदि समाचार प्रतिनिधियों के समक्ष अपनी बात रख सकते हैं तो आखिर झोन के अधिकारियों के सामने बात रखने में क्यों झिझकते हैं।
झोन में कार्यरत कर्मी सिगमा आऊटसोर्स कंपनी के माध्यम से रखे गए थे। हमारी ओर से वेतन को लेकर कोई दिक्कतें नहीं है। इस तरह की दिक्कतों के बाद अब हम बुंदेलखंड सर्विसेस के माध्यम से कर्मियों को रखेंगे। इस कंपनी का ट्रेक रिकॉर्ड बढ़िया है। झोन में कार्यरत कर्मियों का वेतन दिलाने के लिए कंपनी के संपर्क में है। शीघ्र ही वेतन दिलवाया जाएगा।
– डॉ. जितेन्द्र चौधरी, सीएमचएचओ