भोपाल। राज्य सरकार ने जुलाई 2018 में अध्यापक संवर्ग के लिए नया कैडर राज्य स्कूल शिक्षा सेवा बनाया था। इसके बाद तीन श्रेणियों के अध्यापकों को नए कैडर की तीन श्रेणियों में नियुक्ति दी गई थी।
नए कैडर में जुलाई 2018 से हुई नई नियुक्ति से जहां एक और प्रदेश के अध्यापक संवर्ग ने शिक्षा विभाग में संविलियन के स्थान पर नई नियुक्ति पाई है। वहीं वे कई प्रकार के शासकीय लाभ वंचित हो गए।
शासन के आदेश पर नए कैडर के तहत अध्यापकों को जुलाई 2018 से सातवां वेतनमान देने की घोषणा की गई थी, लेकिन सितंबर 2019 तक का भुगतान अब तक नहीं हुआ।
अध्यापकों को अक्टूबर 2019 से सातवें वेतनमान के तहत एरियर्स का नगद भुगतान किया गया।
इससे प्रदेश के 2 लाख 37 हजार अध्यापकों को अब तक डेढ़ साल के एरियर्स कर भुगतान अब तक नहीं हो पाया।
अब अध्यापक संगठन में रोष है कि शासन ने सातवें वेतनमान के तहत एरियर्स का भुगतान करने के घोषणा की है, लेकिन डेढ़ साल का बकाया एरियर्स देने के कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं।
इससे एक अध्यापक को हर साल एक से सवा लाख रुपये का घाटा हो रहा है। अध्यापक संवर्ग का कहना है कि शासन से कई बार मांग करने के बाद भी अब तक बकाया 15 माह का भुगतान नहीं किया गया।
बता दें कि प्रदेश के सभी कर्मचारियों को सातवां वेतनमान जनवरी 2016 से दिया गया था, लेकिन अध्यापकों को जुलाई 2018 से एरियर्स देना शुरू किया गया।
नए कैडर में अध्यापकों की नियुक्ति तो हो गई, लेकिन अब तक दो साल बाद भी उनके एम्पलॉई कोड जनरेट नहीं हो पाए हैं। इससे अध्यापकों को कई समस्याएं आ रही है। प्रदेश के करीब 10 हजार अध्यापकों का अब तक एम्प्लॉई कोड जनरेट नहीं हो पाया है।