धार। कोविड-19 महामारी के कारण मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। अपनों को खोते ही लोगों का गुस्सा प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर निकल रहा है, लेकिन यह गुस्सा सही नहीं है।
दरअसल महामारी काल में सरकारी अस्पताल ही एक ऐसी उम्मीद बने हुए हैं जहां पर लोग भर्ती होने के बाद ठीक होकर घर लौट रहे हैं। वहीं कुछ लोग संक्रमण से जीवन की जंग नहीं जीत पाते हैं।
ऐसे लोगों की मौत पर परिवार पर वज्रपात टूट रहा है और इस दुख में वह सभी सीमाएं लांघ रहे हैं। उनकी नाराजगी का शिकार अब स्वास्थ्य विभाग का अमला और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी भी होने लगे हैं।
बेसुध अवस्था में लाए थे –
बुधवार को ऐसा ही वाक्या जिला अस्पताल के डीसीएचसी में करीब तीन बजे घटित हुआ। अस्पताल में कुछ लोग मनावर निवासी एक बीमार को लेकर पहुंचे थे। बीमार व्यक्ति बेसुध अवस्था में था।
डॉक्टरों ने देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन आपा खो बैठे और उन्होंने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर स्वास्थ्यकर्मियों के साथ गाली-गलौज करना शुरू कर दी।
बताया जाता है कि मृतक धरावरा के कोविड केयर सेंटर में भर्ती था। यहां से उसे गंभीर हालत होने के कारण जिला अस्पताल के कोविड झोन पर भर्ती करने के लिए लाया गया था।
इधर मौत की खबर के बाद परिजनों ने संक्रमित का शव साथ ले जाने की कोशिश की। इस दौरान हंगामा हुआ। ड्यूटी पर तैनात पुलिस जवान ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो परिजनों ने जवान से भी विवाद किया।
इसमें जवान के शर्ट के बटन टूट गए। आक्रोशित युवक ने पुलिसकर्मी पर डंडा भी उठा लिया था। इधर लोगों के बीचबचाव के मध्य परिजन कार क्रमांक एमपी09सीबी8640 में शव लेकर रवाना हो गए।
बता दें कि सुरक्षा के मद्देनजर 1-4 का बल अस्पताल के गेट पर तैनात रहता है। घटनाक्रम के दौरान महज एक पुलिसकर्मी था, क्योंकि तीन पुलिसकर्मी सैम्पलिंग सेंटर पर कुछ लोगों में सैम्पलिंग के नंबर आगे-पीछे होने के लेकर विवाद को छुड़ाने में जुटे थे। इसी दौरान यह घटनाक्रम हो गया।