नरसिंहपुर। गाडरवारा में एक महिला ने अपने भाई की शिकायत स्थानीय प्रशासन से की। महिला के मुताबिक उनके भाई ने अपनी ज़मीन पर आम और नींबू के पेड़ काटे थे। मामले को स्थानीय एसडीएम कोर्ट ने सुना और इसे पर्यावरण और लोक हित के खिलाफ माना और जमीन मालिक पर 20 हजार का जुर्माना लगाया है। इस मामले में एक महिला ने यह शिकायत की थी कि आम और नींबू के वृक्ष जमीन के मालिक द्वारा काट दिये गए।
गाडरवारा के अंतर्गत तहसील चीचली बाबईकलां के गोलगांव कला की रहने वाली एक महिला मीरा बाई मेहरा ने कलेक्टर से अपने सगे भाई साहब सिंह की शिकायत की है। महिला ने मौजा बारछी स्थित भूमि खसरा नंबर 71 /5 पर लगे आम और नींबू के वृक्षों को साहब लाल द्वारा काटे जाने का आरोप लगाया है।
महिला के मुताबिक वे अपने भाई की जमीन पर लगे इन हरे-भरे पेड़ों से काफी प्रेम करती थी लेकिन साहब लाल उन्हें काटना चाहते थे। इस दौरान महिला ने विरोध किया लेकिन भाई ने उनकी बात भी नहीं सुनी। जिसके बाद महिला ने भाई के खिलाफ़ पेड़ काटने की शिकायत की।
इस मामले में नायब तहसीलदार चीचली बाबईकला ने हल्का पटवारी से जांच कर उसे कोर्ट में पेश किया। जांच में पाया गया कि मौजा बारछी में खसरा नंबर 71/5 , 71/ 4, 71/ 3 में आम के वृक्ष लगे हुए थे। जिन्हें साहब लाल ने काट दिया। मौके पर वृक्षों के ठूंठ पाए गए लकड़ी नहीं पाई गई।
गौरतलब हो कि जिस भूमि पर यह पेड़ थे वह साहब सिंह मेहरा के नाम पर दर्ज है। प्रकरण दर्ज होने के बाद जब न्यायालय ने साहब सिंह को आहूत किया। इस मामले में मौका जांच में साहब सिंह ने वृक्षों को यह कहते हुए काटना स्वीकार किया कि वे सूख गए थे। जांच में लेकिन कहीं उल्लेख नहीं था कि वह सूखे हैं।
न्यायालय में इस मामले में वृक्षों की हुई कटाई को लोकहित में उचित नहीं करार दिया। कहा कि लोकहित में काटना प्रमाणित नहीं हो रहा है। इसलिए साहब सिंह मेहरा ने भू राजस्व संहिता के उपबंधों का उल्लेख किया है। साहब लाल को आम के तीन वृक्षों काटने का दोषी पाते हुए न्यायालय ने मप्र भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 253 के तहत 20 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है।