भोपाल। फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन एक बार फिर मध्यप्रदेश लौट आई हैं। बालाघाट के जंगलों मैं अपनी फिल्म शेरनी की शूटिंग कर रही थी लेकिन इसके बाद कोरोना काल के चलते उन्हें वापस जाना पड़ा था।
इस बार उनकी इस फिल्म को मध्यप्रदेश में बेहतर लाभ दिए जाने की खबर है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार मध्यप्रदेश को फिल्मों के लिए एक बेहतर लोकेशन बढ़ाने पर जोर दे रहे थे।
इसी वजह से उन्होंने कई फिल्म निर्माताओं से मध्यप्रदेश में काम करने के लिए बात भी की थी। वहीं अब जब कमलनाथ मुख्यमंत्री नहीं रहे तब भाजपा सरकार ने भी फिल्म निर्माताओं को रिझाने के लिए कुछ कदम उठाए हैं।
बताया जाता है कि सरकार ने इस बार विद्या बालन की फिल्म को इस बार कुछ ज्यादा छूट दी है।
सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे के मुताबिक, विद्या बालन की फिल्म से तय शुल्क में करीब 25% की छूट दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि फिल्म के लिए तय शुल्क करीब चालीस हजार रुपये प्रति दिन का होता है। ऐसे में विद्या की फिल्म यूनिट को शूटिंग के लिए तीस हजार रुपये ही प्रतिदिन का खर्च आ रहा है।
बताया जाता है कि वन मंत्री विजय शाह ने फिल्म निर्माता कंपनी की इस मामले में मदद की है। हालांकि इस बारे में अब तक मंत्री शाह से बात नहीं हो सकी है।
जानकारों के मुताबिक, किसी भी फिल्म निर्माता कंपनी के लिए यह स्थिति अच्छी ही मानी जाएगी। हालांकि विद्या बालन के लिए मध्यप्रदेश में पहले भी बेहतर सहयोग मिला है।
साल 2015 में आई उनकी फिल्म हमारी अधूरी कहानी के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में मनोरंजन कर माफ़ भी किया था।
बुधवार को विद्या बालन ने बालाघाट के रेंजर कॉलेज परिसर में शूटिंग से पहले पूजन किया। इस दौरान फिल्म की यूनिट और आसपास के लोग कोरोना संक्रमण के प्रति पूरी तरह सचेत नजर आए। सभी लोगों ने मास्क और पीपीई किट भी पहनी हुई थी।
यहां वन विभाग के अधिकारी भी यहां मौजूद रहे। इस इलाके में 21 अक्टूबर से 25 नवंबर तक अलग-अलग स्थानों पर फिल्म की शूटिंग की जानी है।
वन विभाग ने फिल्म निर्माता कंपनी से क्षेत्र में किसी भी तरह के स्थाई या अस्थाई निर्माण नहीं करने, वन्य संपदा को नुकसान ना पहुंचाने जैसी जरूरी बातों का खास ख्याल रखने की बात कहीं हैं।