ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कोरोना गाइडलाइन व उपचुनावों के लिए बनाए गए चुनाव आयोग के नियमों की अवहेलना की वजह से कांग्रेस नेता कमलनाथ और भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनावों को लेकर राजनीतिक दल और नेता तो लगातार चुनावी सभा और दौरे तो कर रहे हैं, लेकिन उनमें मास्क-सोशल डिस्टेंसिंग जैसी नियमों की अनदेखी और बेलगाम भीड़ पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसको लेकर ही मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना गाइडलाइन व इसे लेकर बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ाने पर सख्ती दिखाई है।
हाईकोर्ट ने ऐसी रैलियों पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि संविधान ने उम्मीदवार और मतदाता दोनों को अधिकार दिए हैं।
उम्मीदवार को चुनाव प्रचार का अधिकार है, तो लोगों को जीने और स्वस्थ रहने का हक है। उम्मीदवार के अधिकार से बड़ा लोगों के स्वस्थ रहने का अधिकार है।
मध्यप्रदेश की ग्वालियर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दतिया के भांडेर में कमलनाथ और ग्वालियर में नरेंद्र तोमर की रैली को अपने फैसले का आधार बनाया। इन रैलियों में कोरोना-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर एडवोकेट आशीष प्रताप सिंह ने याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने इसी पर फैसला सुनाया। ग्वालियर और दतिया कलेक्टर से दो दिन में रिपोर्ट भी मांगी है।
High Court has also given directions that FIR be lodged against Narendra Singh Tomar and Kamal Nath: Ashish Pratap Singh, lawyer & petitioner at Gwalior bench of Madhya Pradesh High Court https://t.co/CYvFnJe0Bi
— ANI (@ANI) October 21, 2020
जस्टिस शील नागू और जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने आदेश में कहा कि राजनीतिक दलों की वर्चुअल मीटिंग अगर नहीं हो पा रही है तो ही सभा और रैलियां हो सकेंगी। इसके लिए चुनाव आयोग की इजाजत लेनी होगी।
उन्हें ये भी बताना होगा कि वर्चुअल सभा क्यों नहीं हो सकती है। कलेक्टर अगर जवाब से संतुष्ट होते हैं तो ऑर्डर पास करेंगे और मामला चुनाव आयोग को भेजा जाएगा। आयोग की मंजूरी के बाद ही सभाएं हो सकेंगी।
आयोग सभा में जितने लोगों को शामिल होने की मंजूरी देगा, उतने लोगों के मास्क व सैनिटाइजर पर होने वाले खर्च की दोगुनी राशि कैंडिडेट को कलेक्ट्रेट में जमा कराना होगी।
शपथ पत्र देना होगा, जिसमें हर व्यक्ति को मास्क और सैनेटाइजर उपलब्ध कराए जाने की बात लिखी हो और यह भी कि सभा की मंजूरी लेने वाला ही जवाबदेह होगा।
Candidate/organiser will have to submit an affidavit that all COVID guidelines will be followed. An amount double the number of people coming at the event will have to be submitted with Dist Collector, for mask-sanitiser. Then written permission will be given: Ashish Pratap Singh https://t.co/UI5PivkmWP
— ANI (@ANI) October 21, 2020
बेंच ने साथ ही कहा कि संविधान ने उम्मीदवार और मतदाता दोनों को अधिकार दिए हैं। उम्मीदवार को चुनाव प्रचार का अधिकार है तो लोगों को जीने के साथ-साथ स्वस्थ रहने का अधिकार है। उम्मीदवार के अधिकार से बड़ा लोगों के स्वस्थ रहने का अधिकार है।
मौजूदा हालात में राजनेताओं को लोगों के लिए उदारता दिखानी चाहिए थी, लेकिन उनके व्यवहार से ऐसा नजर नहीं आ रहा। सभाओं में सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है।