इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा रिंग रोड पर तैयार किए गए शहीद पार्क को दर्शनीय स्थल के रुप में तैयार किया गया है। इस पर 4 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
एक साल से पार्क को शासकीय विभागों को सौंपने के लिए पत्र व्यवहार चल रहा है, लेकिन सभी ने इसकी जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया है। इससे दर्शनीय स्थल बनाने की योजना भी फीकी पड़ती नजर आ रही है।
इंदौर विकास प्राधिकरण ने करीब चार करोड़ की लागत से इस पार्क का निर्माण किया था। यहां ऑडिटोरियम, आर्ट गैलरी और शहीदों के इतिहास को दीवारों पर उकेरा गया है।
पार्क को तैयार करने के पीछे शहरवासियों को सेना के कामकाज, शहीदों की कहानी, युद्ध में काम आने वाले शस्त्र की जानकारी उपलब्ध कराना है।
पार्क में सैन्य संबंधी जानकारी होने से प्राधिकरण की पहली प्राथमिकता थी कि आर्मी या बीएसएफ इसके देखरेख की जिम्मा उठा ले। इसे लेकर सैन्य प्रमुखों को पत्र लिखा गया, लेकिन वहां से किसी प्रकार का जवाब नहीं आया।
मध्यप्रदेश पुलिस, नगर निगम, पुरातात्विक विभाग, पर्यटन विभाग सहित सभी को पत्र लिखा गया, लेकिन किसी ने भी पार्क के संचालन में रुचि नहीं दिखाई।
मजबूरन वर्तमान में पार्क की देखरेख प्राधिकरण को करना पड़ रही है। इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक श्रोत्रिय ने बताया कि एक साल से शहीद पार्क की देखरेख के लिए पत्र व्यवहार कर रहे हैं। विभागों की रूचि नहीं होने से चिंता बढ़ गई है।
इसी तर्ज पर यहां पर भी अनदेखी –
भारत द्वारा वर्ल्ड कप जीतने पर प्राधिकरण ने बायपास पर वर्ल्ड कप की प्रतिकृति तैयार की थी। इसके बाद चौराहे का नामकरण भी कर दिया गया। यह चौराहा भी अनदेखी का शिकार हो चला है। न तो यहां कभी कोई अनूठा आयोजन होता है और ना ही क्रिकेट के जानकार इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया देते हैं।