सर्मथन मूल्य की ख़रीदी रोके जाने से नाराज़ किसान, फिर व्यापारी को कम दाम में बेचना होगा गेहूं
सर्मथन मूल्य की ख़रीदी रोके जाने से नाराज़ किसान, फिर व्यापारी को कम दाम में बेचना होगा गेहूं
इस रोक से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के मुताबिक उन्हें इस समय नकद पैसों की ज़रूरत होती है ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें लेकिन खरीदी रोकने के कारण उन्हें नकद पैसा प्राप्त नहीं होगा।
इंदौर/धार। किसानों को प्रदेश सरकार ने झटका दिया है। कोरोना संक्रमण और मौसम का हवाला देकर गेहूं की सर्मथन मूल्य की खरीद फिलहाल रोक दी गई है। यह खरीदी 22 मार्च से इंदौर-उज्जैन संभागों में शुरू होने वाली थी। इस संबंध में शासन ने अधिकारियों को व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही अधिकारियों से कहा गया है कि किसानों को इस संबंध में SMS के जरिए जल्द ही जानकारी दी जाए। जिन किसानों को 22 या फिर 23 मार्च को SMS मिल चुके हैं, उन्हें दोबार नई तारीख का मैसेज मिलेगा।
इस बारे में इंदौर और उज्जैन कमिश्नर के ट्विटर हैंडल पर जानकारी दी गई है कि ‘गेहूं ,चना, मसूर, सरसों की खरीदी शासन निर्देशानुसार 22 मार्च 2021 सोमवार से की जानी थी, किन्तु वर्षा, आंधी, तूफान जैसीअपरिहार्य स्थितियों के कारण शासन द्वारा गेहूं, चना, मसूर, सरसों की खरीदी तिथि को आगे बढ़ा दिया गया है।’
हालांकि इस रोक से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के मुताबिक उन्हें इस समय नकद पैसों की ज़रूरत होती है ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें लेकिन खरीदी रोकने के कारण उन्हें नकद पैसा प्राप्त नहीं होगा।
ऐसे में एक बार फिर किसान अपना गेहूं और दूसरी उपज व्यापारियों को ही बेचेंगे। व्यापारी को किसान से खरीदी कर उन्हें अधिकतम तीन दिन में भुगतान करना होता है लेकिन ज्यादातर बार भुगतान में देरी होती है और यह समय सीमा करीब 10 से 15 दिन तक भी बढ़ जाती है। ऐसे में किसान को फिर वही नकदी की समस्या आती है।
किसानों के सामने तीसरी परेशानी गेहूं के दाम की है। गेहूं का न्यूनतम सर्मथन मूल्य यानी एमएसपी 1975 है लेकिन फिलहाल इंदौर और उज्जैन संभाग में ज्यादातर किसानों ने अपना गेहूं इससे कम दाम में ही बेचा है। इंदौर और धार की मंडियों में तो यह दाम तीन से चार रुपये तक कम रहे हैं। ऐसे में सरकारी खरीदी अगर रुकती है तो किसानों को फिर उसी कम दाम में ही अपना गेहूं बेचना पड़ेगा। सुनिये धार के अनारद गांव के किसान रुपेश यादव क्या कहते हैं।
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वहीं धार जिल के एक अन्य लाखन सिंह डोडिया कहते हैं कि…
समर्थन मूल्य की खरीदी आगे बढ़ने से हम किसान परेशान हो रहे है मंडियों में उपज का सही दाम मिल रहा है वही एमएसपी पर भी मंडियों में खरीदी नही हो रही कल दे सुसाईटी में खरीदी होने थी व भी आगे बढ़ गई वही ऊपर से ओलावृष्टि होने के कारण भी किसान परेशान हो रहे हैं
गेहूं की खरीदी आगे बढ़ाने ज्यादातर क्षेत्रों के किसान परेशान हैं। किसान नेता भी इसे सही कदम नहीं बता रहे हैं। उनके मुताबिक इससे पहले से ही मुसीबत झेल रहे किसानों पर और मार पड़ेगी। इसके अलावा किसानों के सामने भी एक अन्य सबसे बड़ी समस्या है जिसका हवाला खुद सरकार भी कर रही है। यह समस्या मौसम की है। किसानों के मुताबिक अगर मौसम खराब हुआ तो उनकी उपज वे कहां लेकर भागेंगे। ऐसे में नुकसान तय है।
मोहन लाल पांडे, किसान नेता
अभी खरीदी रोकने का फैसला सही नहीं है। इस समय हमें और हमारी तरह लाखों किसानों को नकदी की ज़रूरत है। हमें कई मज़दूरी देनी है और कई दूसरे भुगतान करने हैं। व्यापारियों ने पहले ही फसल कम दाम में खऱीदी है अब उम्मीद सरकारी खरीद से थी लेकिन अगर वह भी नहीं हो रही है तो हम कैसे काम चलाएं। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए और जल्दी ही खरीदी शुरु करनी चाहिए।
मोहन लाल पांडे, किसान नेता, पूर्व अध्यक्ष किसान संघ महू