इंदौर। महू तहसील के एक भाजपा नेता को चैक अनादरण के एक मामले में एक साल की सजा सुनाई गई है। ये भाजपा नेता पहले कांग्रेसी हुआ करते थे और विधानसभा चुनावों के ठीक पहले अचानक भाजपा में शामिल हो गए। इसके अलावा उन्हें तेईस लाख रुपये भी भरने होंगे।
ग्रामीण क्षेत्र में कभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार के ख़ास बताए जाने वाले तथा कुछ समय पूर्व भाजपा में गए वीरेंद्र आंजना को न्यायाधीश प्रथम श्रेणी अर्चना रघुवंशी ने चेक अनादरण होने पर यह सजा सुनाई है।
प्रकरण के अनुसार परिवादी भरत मीणा पुत्र किशनमीणा से आंजना ने 11 लाख 25 हजार रूपये लिए तथा इतनी राशि का चेक उन्हें दिया था। बताया जाता है कि परिवादी भरत मीणा और आंजना आपस में दोस्त रहे हैं।
हालांकि परिवादी मीणा ने गवली पलासिया की एक्सिस बैंक में भुगतान के लिए लगाया जहां से पर्याप्त राशि नहीं होने पर चैक अनादरित हो गया। इसके बाद मीणा ने न्यायालय का सहारा लिया और मुकदमा दर्ज कर दिया।
इस पर न्यायालय ने वीरेंद्र आंजना को एक वर्ष का सश्रम कारावास व चेक की धन राशि 11 लाख 25 हजार रूपये व प्रतिकर की धनराशि 12 लाख रूपये तथा एक हजार रूपये परिवाद व्यय के अदा करने के आदेश दिए हैं। प्रकरण में पैरवी परिवादी की ओर से अभिभाषक प्रकाश अग्रवाल ने की है।
उक्त नेता पहले कांग्रेसी हुआ करते थे और तहसील के ग्रामीण क्षेत्र में जिम्मेदारी संभालते थे लेकिन उपचुनावों से ऐन पहले अचानक वे भाजपा में आ पहुंचे। हालांकि उनके इस कदम से कांग्रेसियों को कोई अचरज नहीं हुआ और न ही पार्टी को खास पड़ा।