भोपाल। कोरोना संक्रमण के डर से अब तक आए लगभग सभी त्यौहार फीके ही रहे हैं। इसी बीच एक नवरात्र भी शुरु हो रहे हैं। 17 अक्टूबर को शुरु होने वाले नवरात्र को लेकर गृह विभाग ने पहले ही दिशानिर्देश जारी कर दिए गए थे। जिनके मुताबिक कोई भी दुर्गा मूर्ति छह फुट से उंची नहीं होगी। इस दौरान छोटो पांडाल लगाने के लिए अनुमति दी गई थी। हालांकि अब सरकार ने अपना वह आदेश वापिस ले लिया है।
नए आदेश में कहा गया है कि अब आयोजनकर्ता छह फीट से भी ऊंची मूर्ति रख सकेंगे। पंडाल भी 30 गुणा 45 फीट तक होंगे। इससे पहले केवल सौ वर्गफुट के पांडाल लगाने के आदेश थे। यही नहीं नवरात्र के दौरान रामलीला और दशहरे पर रावण दहन का आयोजन भी हो सकेगा। हालांकि गरबा आयोजन और चल समारोहों पर पूर्व में जारी रोक बरकरार रहेगी। बताया जाता है कि सरकार ने यह फैसला तमाम हिंदू संगठनों और दुर्गा उत्सव समितियों की नाराजगी के चलते लिया है।
हालांकि बहुत से मूर्तिकारों के मुताबिक यह आदेश आते-आते बहुत देर हो चुकी है क्योंकि अब बड़ी मूर्तियां बनाने का समय नहीं है। पहले ही गणेशोत्सव पर मूर्तिकारों काफी घाटा झेल चुके थे और अब उन्होंने केवल कुछ खर्च निकालने के लिए छोटी मूर्तियां बनाईं थी।
इंदौर में मूर्तिकारों ने तो कच्चा माल भी कम ही मात्रा में ले रखा है और ऐसे में अब बड़ी मूर्तियां बनाने का कोई खास औचित्य नहीं है। कलाकार नंदलाल प्रजापति बताते हैं कि उन्होंने इस बार केवल पांच फुट तक की ही मूर्तियां बनाईं हैं। पहले वे पंद्रह फुट तक की मूर्तियां बनाते थे लेकिन इस बार आयोजनकर्ता पहले ही पीछे हट चुके हैं और उन्होंने बड़ी मूर्तियों के लिए ऑर्डर ही नहीं दिए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रतिमा विसर्जन के लिए भी अधिकतम दस लोग जा सकेंगे। रामलीला व रावण दहन आयोजनों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग अनिवार्य होगा। जहां सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन की संभावना बनेगी, वहां झांकियां नहीं लगा सकेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि झांकियां खुली-खुली बनाएं। गुफा, सुरंग या पूरी तरह बंद झांकियां न बनाएं।