धार। जहां एक ओर हॉस्पिटल को मंदिर और डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है वहीं दूसरी ओर हॉस्पिटल में भर्ती मरीज शराब पी रहे हैं। ताज्जुब की बात यह है कि हॉस्पिटल के जिम्मेदारों को इस शराबखोरी के बारे में कुछ पता नहीं है।
जिला मुख्यालय के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती मरीज का अपने दोस्तों के साथ शराब पार्टी करने का मामला सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो कुछ दिन पुराना बताया जा रहा है।
हॉस्पिटल सार्वजनिक स्थल की श्रेणी में आता है, लेकिन निजी हॉस्पिटल के कमरे में इस प्रकार अपने दोस्तों के साथ शराब पार्टी करना कहां तक उचित है, यह सवाल लोगों के जेहन में बार-बार आ रहा है।
वायरल हो रहे वीडियो के बारे में जब देशगांव संवाददाता ने जानकारी जुटाई तो यह बात सामने आई कि वीडियो में दिख रहा सिर पर पट्टी बंधे मरीज के पिता हॉस्पिटल में ही काम करते हैं।
हॉस्पिटल की सुरक्षा नज़र से कैसे बची शराब की बोतलें –
सबके मन में यह सवाल है कि आखिर शराब की बोतलें अंदर कैसे गईं। क्या हॉस्पिटल कर्मचारियों को इसका पता नहीं चला। क्या हॉस्पिटल के कर्मचारी मरीजों को देखने नहीं जाते।
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शराब पीने की इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हॉस्पिटल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। वीडियो को देखने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर हॉस्पिटल के कमरे में इतनी शराब की बोतल कैसे पहुंची। हॉस्पिटल की सुरक्षा में कोई खामी है जो इन बोतलों को अंदर ले जाने से रोक नहीं पाई।
अस्पताल के कर्मचारी के बेटे ने ही की शराब पार्टी –
शहर में कुछ दिनों पूर्व हुए विवाद में हॉस्पिटल में कार्यरत कर्मचारी के लड़के को चोट आई थी जिसके बाद उसे मित्तल हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। लेकिन कर्मचारी के लड़के ने अपनी शराब की जरूरत को पूरा करने के लिए अपने अन्य दोस्तों को बुलाकर वहां शराब बुलवाई। साथ ही जमकर शराब पार्टी भी की, जिसका वीडियो वायरल हो गया जिसने हॉस्पिटल की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हॉस्पिटल प्रबंधन ने लिखा पुलिस को पत्र –
निजी हॉस्पिटल के बंद कमरे में शराब पार्टी की वायरल वीडियो की खबर आने के बाद बुधवार को हॉस्पिटल प्रबंधन ने घोर निंदा करते हुए धार पुलिस को कार्यवाही हेतु आवेदन दिया है। हॉस्पिटल के संचालक डॉ. उमेश मित्तल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को कार्रवाई के लिए आवेदन दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस प्रकार की गलत हरकत से संस्था बदनाम होती है इसलिए गलत को सजा मिलना चाहिए।
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ये कहता है अधिनियम –
किसी भी सार्वजनिक स्थान पर शराब का सेवन करना गैरकानूनी है। इसके लिए सजा का प्रावधान भी है। सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने और हंगामा करने पर अधिनियम 1861 की धारा 34 (1) के तहत बिना वारंट के गिरफ्तारी, आठ दिनों की जेल या फिर जेल व जुर्माना दोनों हो सकती है। भारतीय दंड संहिता की धारा 290 व 510 के तहत भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इस धारा में 24 घंटे से अधिक कारावास या जुर्माने का प्रावधान है।
पुलिस काटती है चालान –
देखा जाए तो पुलिस प्रशासन सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने वालों पर चालानी कार्यवाही को अंजाम देती है। वहीं कई प्रकरणों में शराबियों को कोर्ट में भी पेश करती है। अब यहां सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस प्रशासन सार्वजनिक स्थान हॉस्पिटल में शराब की पार्टी करने वाले इन शराबियों पर कार्यवाही करेगी?
फुटेज देखकर करेंगे नियमानुसार कार्रवाई –
थाने पर आवेदन आया है। हॉस्पिटल के फुटेज देखे जाएंगे और फिर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
– कलमसिंह पंवार, टीआई, थाना कोतवाली, धार
थाने पर आवेदन दिया है –
अस्पताल के प्राइवेट रूम में ऐसी हरकत हुई है। प्रबंधन की ओर से पुलिस थाने में बीयर-सिगरेट पीने वाले लड़कों के खिलाफ आवेदन दिया गया है।
– डॉ. उमेश मित्तल, संचालक, मित्तल अस्पताल