इंदौर। क्षेत्र के किसान दो साल से भावांतर की राशि का इंतजार कर रहे हैं। अब तक इन किसानों को भावांतर योजना के तहत बेची गई प्याज की राशि नहीं मिली है। अब तक उम्मीद जताई जा रही थी कि यह राशि जनवरी तक मिल जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। हालांकि अब इसे लेकर एक बार फिर उम्मीद जताई जा रही है कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले सरकार किसानों को यह राशि देगी।
इसके लिये विभागीय अधिकारियों की ओर से भी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और किसान भी लगातार सरकार तक अपनी मांग पहुंचा रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि अगले वित्तीय वर्ष के शुरु होने पर किसानों को यह भुगतान कर दिया जाएगा।
अब तक भावांतर की यह राशि उद्यानिकी विभाग के पास नहीं भेजी गई है। इस बारे में इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने भी सरकार को लिखा है। वहीं उद्यानिकी की ओर से भी किसानों के इस मामले की जानकारी भी दोबारा भेजी है।
इस मामले पर किसानों ने कई बार अधिकारियों और मंत्रियों को भी ज्ञापन दिये लेकिन कुछ नहीं हो सका। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर आए थे उस समय भी किसानों ने इसकी मांग उनसे की थी।
उल्लेखनीय है कि इंदौर जिले के 7130 किसानों को करीब तीस करोड़ रुपये की राशि भावांतर योजना के तहत दी जानी है। किसानों ने प्याज कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में बेचा था। जिसके बाद से वे लगातार भावांतर का इंतजार कर रहे थे।
इस राशि के करीब तीस करोड़ रुपये किसानों को मिल चुके हैं और इतनी ही राशि बाकी है जिसकी मांग किसान कर रहे हैं। इस योजना के तहत प्याज के भाव 800 रुपये क्विंटल तय किए थे। इससे कम भाव मिलने पर भाव के अंतर की राशि सरकार द्वारा किसानों के बैंक खाते में डालने का प्रविधान था।
इसे लेकर किसान लगातार उद्यानिकी और कृषि विभाग के अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन विभाग के अधिकारी भी इस पर कुछ खास करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि राशि सरकार से ही भेजी नहीं गई है।
किसान कहते हैं कि वे करीब दो साल से भावांतर का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। प्रदेश सरकार द्वारा कुछ महीने पहले किसानों को फसल खराबी राशि और केंद्र सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि की किश्त जारी की गई थी। जिसके बाद किसानों को आशा है कि उनका यह भुगतान भी जल्द हो जाएगा।