– जिले में अगले माह समर्थन मूल्य पर गेहूं-चना की होगी सरकारी खरीदी।
धार। जिले में आगामी माह से शुरू होने वाली समर्थन मूल्य की खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन गुरुवार से बंद हो गया है। अब तक 60 हजार से अधिक किसानों ने करवा लिए हैं। वहीं जिले में एक तरफ जहां कई जगह फसल खेतों में खड़ी है तो कई जगह कटाई व साफ-सफाई का दौर शुरू हो गया है। इस बार गेहूं का बंपर उतपादन होने की वजह से किसानों को इसके अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है।
इसके पहले जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं सहित अन्य उपज की सरकारी खरीदी के लिए प्रशासन द्वारा तैयारियां की जा रही हैं। सबसे पहले पंजीयन करवाने की कवायद की जा रही है। समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय करने के लिए पंजीयन की प्रक्रिया 25 जनवरी से शुरू भी हो गई, अब तक जिले में केंद्रवार आंकड़ों के अनुसार 60 हजार से ज्यादा किसानों के पंजीयन हो चुके हैं।
वर्तमान में गेहूं फसल इस माह पूरी तरह पक कर तैयार हो गई है व कटाई चालू हो गई है। हर साल की तरह इस बार भी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी होना है। इसे लेकर किसान भी खुश हैं। दरअसल, इस बार 1975 रुपये क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जाएगा, जबकि पिछले साल 1925 रुपये क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा गया था।
तहसील में पंजीयन का आंकड़ा
तहसील – कुल पंजीयन – गेहूं – चना
बदनावर – 15150 – 14945 – 1481
धार – 13079 – 12982 – 1150
सरदारपुर – 11741 – 11562 – 1519
मनावर – 5464 – 4752 – 1872
पीथमपुर – 5356 – 5325 – 538
कुक्षी – 4497 – 3903 – 134
धरमपुरी – 2550 – 2329 – 652
गंधवानी – 1433 – 1399 – 164
डही – 753 – 736 – 50
कुल – 60023 – 57933 – 8771
इस बार होगा बंपर उत्पादन –
जिले में इस बार दो लाख 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल लगाई गई है। मौसम के अनुकूल रहने के चलते गेहूं की फसल खेतों में लहलहा रही है। ऐसे में गेहूं फसल को लेकर किसान खुश हैं। परिस्थितियां अनुकूल रहने के चलते उत्पादन बंपर होना है। सिंचाई के लिए किसानों को भरपूर मात्रा में पानी भी दिया गया। जिले व धार के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा गेहूं की ही बुआई की गई है। उल्लेखनीय है कि कम पानी होने के बाद भी गेहूं की बुआई की गई। वहीं गेंहू अधिक बोया व चने की फसल कुछ रकबे में बोई गई।
यह रही फसलों की इस बार स्थिति –
जिले में अल्पवर्षा के चलते इस बार गेहूं का रकबा गत वर्ष के मुकाबले कम हो गया है। जिले के कृषि विभाग के आंकड़े के अनुसार जिले में लगभग दो लाख 80 हजार हेक्टेयर रकबे में किसानों ने गेहू की बोवनी की थी, जबकि गत वर्ष दो लाख 70 हजार हेक्टेयर में गेहूं बोने का लक्ष्य रखा गया था। यही वजह है कि गत वर्ष 2020 में जिले में 40 हजार किसानों ने 3 लाख मीट्रिक टन अधिक गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचा था, जो एक रिकॉर्ड है। पिछले साल समर्थन मूल्य पर जिले में 3 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं सरकार के गोदाम में आया था। जिले में इस वर्ष बारिश कम होने के कारण खरीफ की फसलों का रकबा गिरा है इसमें गेहूं प्रमुख है। पिछले वर्ष जिले में दो लाख 70 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में किसानों ने गेहूं बोया था, लेकिन इस बार यह रकबा समान है मगर पानी के चलते उत्पादन पर फर्क पड़ेगा। कुछ क्षेत्र तो ऐसे हैं जहां किसानों ने खेत खाली छोड़ दिए हैं। गेहूं को पानी ज्यादा लगता है ऐसे में जो किसान प्राकृतिक बारिश पर ही केंद्रित थे उन्होंने इस बार गेहूं की खेती न करना उचित समझा है।
गेहूं की फसल में कम आ रहा उत्पादन –
बता दें कि इस बार मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण गेहूं उत्पादन भी कम आ रहा है। वहीं गेहूं में पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण गेहूं के उत्पादन पर भी इसका असर दिख रहा है। प्राकृतिक आपदाओं से गेहूं की फसल प्रभावित होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मौसम के बदलते रुख के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें भी दिखना शुरू हो गए। वहीं मौसम के बदलने से किसान चिंतित हो रहे हैं। इस बार जिले में गेहूं के उत्पादन का रकबा बढ़ा है तो गेहूं उत्पादन भी बढ़ाने की संभावना है।
अगले महीने होना है खरीदी शुरू –
वही बता दें कि गेहूं खरीदी 22 मार्च से शुरू होना है जिसको लेकर प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और उनके लिए सेंटरों पर ही बैठने की व्यवस्था के साथ पानी छांव के लिए प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूरी करने में लगा है।
नियंत्रण कक्ष की भी होगी स्थापना –
समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन कार्य में किसानों की पंजीयन एवं उपार्जन से संबंधित समस्या एवं शिकायतों का त्वरित निराकरण होगा। नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी होना है। नियंत्रण कक्ष में किसान पंजीयन एवं उपार्जन से संबंधित किसानों या अन्य किसी व्यक्ति से प्राप्त समस्या या शिकायत को दर्ज कर निराकरण के लिए सक्षम अधिकारी को देंगे। शिकायत का निराकरण होने पर संबंधित व्यक्ति को बताया जाएगा। वही किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जायेगी।