नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश में अरहर-मूंग खरीदी में एक अजब-गजब घोटाला सामने आया है। यहां के 45-46 किसानों ने किसी भी तरह की कोई उपज नहीं बेची, लेकिन उनके नाम से 65 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया।
अब इस घोटाले की जांच में अधिकारियों को पसीने छूट रहे हैं क्योंकि जैसे-जैसे वे किसानों से मिलकर सत्यापन का काम कर रहे हैं, घोटाले की राशि बढ़ती ही जा रही है।
सहकारी विपणन समिति के 7.67 करोड़ रुपये के घोटाले में यह खुलासा भी हो रहा है कि 45-46 किसानों ने अपनी उपज नहीं बेची और उन्हें बगैर तौल-पर्ची के बिल लगाकर उनके खातों में भुगतान कर दिया गया।
ऐसा करके हुए लगभग 65 लाख रुपये का भुगतान अधिकारियों के लिए जी का जंजाल बन गया है। अब दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। गांव में पहुंचकर जब सत्यापन हो रहा है तो यह फर्जीवाड़ा भी अधिकारियों को देखने मिल रहा है कि कई फर्जी नामों से किसानों के खातों में लाखों रुपये की राशि पहुंचा दी गई थी।
देखिये वीडियो कैसे किसान बता रहे हैं इस फर्जीवाड़े की कहानी –
ऐसे 45-46 किसानों की सूची में मूंग बेचने वाले किसानों में इमलिया से भोजराज, रोशन, देवेन्द्र, टीकाराम, श्रीलाल, रामरतन, मोहन प्रसाद, अंकेश, लिखिराम, रामजी, फूलसिंह, छोटेलाल, राजकुमार, देवेन्द्र और राधेश्याम हैं।
मनकापुर से गोपी प्रसाद, टेकापार से हल्के प्रसाद, नवरंगपुर से मोहन, चिरचिटा से नर्मदी बाई, महगुवां से सुरेन्द्र और सुखराम, कैलाश ग्राम कढ़ेली से कैलाश, दिलीप और रामेश्वर तथा इमलिया से प्रीतम, महेश, छोटेलाल, शंकरराल, कोमल, विष्णु प्रसाद, अशोक, नरेश, चंद्रभान व भोजराज आदि हैं। महगुवां से सुरेन्द्र व पुरुषोत्तम आदि के नाम हैं।
इन किसानों ने मूंग और अरहर बेची है। इन किसानों को कुल 65 लाख 10 हजार 837 रुपये का भुगतान हुआ है। करीब 460 क्विंटल अरहर व मूंग के विक्रय का मामला है जिसमें बगैर तौल-पर्ची के बिल लगाकर भुगतान किया गया है।
बुधवार को कई गांव में टीम ने किसानों के पास जाकर भुगतान को लेकर सत्यापन का कार्य किया। इस टीम में एसडीएम, उपायुक्त सहकारिता और सहकारी बैंक के अधिकारी शामिल हैं।
अनाज नहीं बेचा और खाते में आ गए दो लाख 27 हजार रुपये –
बीते दिनों बरहटा के एक किसान राम सिंह पिता रामकृपाल के द्वारा दावा किया गया था कि न तो उसने अनाज बेचा ना ही उसके खाते में कोई पैसे आए और अब उसे राशि जमा करने का नोटिस थमा दिया गया है।
जब इस मामले में अधिकारियों ने पड़ताल कि तो पाया कि किसान राम सिंह पिता रामकृपाल ने अनाज तो नहीं बेचा, लेकिन उसके खाता क्रमांक- 2003761000000920 महाकौशल ग्रामीण बैंक बरहट शाखा में 28 अप्रैल 2017 को दो लाख 27 हजार 250 रुपये पहुंच गये और उसने खाते से निकाले भी। अब अधिकारी यह पता कर रहे हैं कि हकीकत क्या है क्योंकि राम सिंह खाते में पैसे आने और निकालने की बात से साफ इंकार कर रहे हैं।
कर रहें हैं जांच –
अभी लगातार जांच जारी है, बुधवार को भी कई गांव का भ्रमण कर जायजा लिया गया। वस्तुस्थिति पता कर रहे हैं।
– अखिलेश निगम, उपायुक्त सहकारिता, नरसिंहपुर।
150 किसानों के खातों में एक करोड़ 50 लाख का डबल भुगतान –
सहकारी विपणन समिति नरसिंहपुर के 7.67 करोड़ रुपये के घोटाले में एक तथ्य यह भी शामिल है कि 150 किसानों को उनकी बेची गई उपज के मूल्य का डबल भुगतान कर दिया गया। अब ऐसे किसानों को नोटिस थमाया जा रहे हैं।
उनसे खाते में भेजी गई अतिरिक्त राशि यह कहकर वापस मांगी जा रही है कि अगर शासकीय राशि वापस नहीं की गई तो वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। जिसके तहत संपत्ति कुर्की होगी व प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।