इंदौर। खरगोन शहर के गडरिया मोहल्ला निवासी रितेश पिता भगवान पाल की हत्या का पुलिस ने राजफाश कर दिया है। पुलिस ने हत्या उधारी के महज बीस हजार रुपए नहीं चुकाने पर कर्जदार की पत्नि से अवैध संबंध बनाने को लेकर करने का खुलासा किया है। हत्या के आरोप में एक महिला सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
रितेश का शव हत्या के बाद कसरावद रोड स्थित इंदिरा सागर नहर में फेंका गया था जो करीब 5 दिन बाद घटनास्थल से करीब 50 किमी दूर नायदड़ सुरंग के समीप से पुलिस ने मंगलवार को बरामद किया था। बुधवार को पुलिस कंट्रोल रुम में मामले का खुलासा करते हुए एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि 5 फरवरी को रितेश की गुमशुदगी कोतवाली में दर्ज कराई गई थी।
तलाश के दौरान रितेश की बाईक कोंडापुरा के पास नहर किनारे मिली और वहां खून से सना पत्थर व खून के छिंटे भी मिले। घटनास्थल का नजारा देख प्रथम दृष्टया रितेश के साथ अनहोनी की आशंका में नहर में सर्चिंग शुरु की। करीब पांचवें दिन रितेश का शव बोराड़ नदी के पास इंदिरा सागर परियोजना की नहर टनल गेट आनंदबेडी से बरामद हुआ।
जांच के दौरान मृतक रितेश की लेखा-जोखा डायरी और मोबाइल लोकेशन के आधार पर चिमन योगी उसके पिता गोरखनाथ गंगाराम योगी और चिमन की पत्नि को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में तीनों ने हत्या का अपराध कबूला है। चिमन ने पुलिस को बताया कि उसने मृतक रितेश से 1.20 लाख रुपए उधार लिए थे, जिसमें एक लाख रुपए चुका दिए थे।
मृतक रितेश उधारी के 20 हजार रुपए के लिए बार-बार तकादा लगा रहा था। धमकी भी दी, एक दिन उसके घर पहुंचकर बेटी और बच्ची के साथ अभद्रता भी की। रुपए नहीं चुकाने पर रितेश ने चिमन से उसकी पत्नि के साथ अवैध संबंध बनाने की डिमांड रखी। जिससे गुस्साए चिमन ने इसकी जानकारी अपने पिता गोरखनाथ को दी। इसके बाद चिमन ने अपने पिता गोरखनाथ और पत्नि के साथ मिलकर रितेश की हत्या का षडयंत्र रचा।
रुपए लौटाने की लालच देकर बुलाया था घटनास्थल – पुलिस के मुताबिक पांच फरवरी को चिमन ने रितेश को रुपए लौटाने के बहाने कोंडापुरा नहर के पास बुलाया था। यहां चिमन ने अपने पिता और पत्नि के साथ मिलकर रितेश पर पत्थर से सिर कुचलकर पहचान मिटाने की कोशिश में हमला किया।
मौत के बाद शव ठिकाने लगाने की नियत से नहर में फेंक दिया वह बाईक को भी फेंकना चाहते थे लेकिन बाईक नहर किनारे स्थित पाईप में अटक गई। पुलिस ने तीनों के खिलाफ अपराध क्रमांक 79/21 धारा 302, 201, 120बी, 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। पुलिस के मुताबिक रितेश ब्याज पर रुपए लेन.देन का काम करता था जो उसकी मौत का कारण बन गया।